पृथ्‍वी पर आया विनाश टला! 46,800Km की स्‍पीड से गुजरा एस्‍टरॉयड, जानें अगली बार कब आएगी यह आफत

Asteroid : यह एस्‍टरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंधित है और 376 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इसकी सूर्य से अधिकतम दूरी 21.3 करोड़ किलोमीटर और निकटतम दूरी 9.2 करोड़ किलोमीटर है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 28 अक्टूबर 2022 13:00 IST
ख़ास बातें
  • इसका नाम ‘एस्‍टरॉयड 2022 UF4’ है
  • पिछले महीने ही इसकी खोज हुई है
  • इसका आकार एक हवाई जहाज के जितना है

Asteroid : अगली बार यह एस्‍टरॉयड साल 2055 में हमारी पृथ्‍वी के करीब आएगा।

Photo Credit: सांकेतिक तस्‍वीर

एस्‍टरॉयड्स लगातार पृथ्‍वी के नजदीक आते हैं और एक सुरक्षित दूरी बनाते हुए अपना सफर तय करते हैं। हालांकि गुरुवार को जो हुआ, उसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। एक एस्‍टरॉयड 13 किलोमीटर प्रति सेकंड यानी 46,800 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी रफ्तार से हमारे ग्रह के करीब आया। गनीमत यह रही कि एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी से एक सुरक्षित दूरी बनाते हुए गुजर गया। इसका नाम ‘एस्‍टरॉयड 2022 UF4' है, जिसे सबसे पहले पिछले महीने की 25 तारीख को खोजा गया था।  

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इस एस्‍टरॉयड को ऑब्‍जर्व किया। ‘एस्‍टरॉयड 2022 UF4' हमारे ग्रह के इतना करीब आ गया था कि दोनों के बीच दूरी 45 लाख किलोमीटर रह गई थी। 140 फीट चौड़ा यह एस्‍टरॉयड एक हवाई जहाज के आकार का है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह एस्‍टरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंधित है और 376 दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इसकी सूर्य से अधिकतम दूरी 21.3 करोड़ किलोमीटर और निकटतम दूरी 9.2 करोड़ किलोमीटर है। अगली बार यह एस्‍टरॉयड साल 2055 में हमारी पृथ्‍वी के करीब आएगा। हालांकि तब यह आज से भी ज्‍यादा दूर होगा और दोनों के बीच दूरी लगभग 82 लाख किलोमीटर होगी। 

DART मिशन की कामयाबी के बाद से यह कहा जा सकता है कि हमारा ग्रह भविष्‍य में एस्‍टरॉयड के खतरे से काफी हद तक सुरक्षित हो गया है। पिछले महीने 26 सितंबर को नासा का डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट (DART) स्‍पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस (Dimorphos) नाम के एक एस्‍टरॉयड से टकराया था। टक्‍कर करके नासा यह जानना चाहती थी कि इससे एस्‍टरॉयड की कक्षा में बदलाव होता है या नहीं। अपनी जांच के बाद नासा यह बता चुकी है कि  DART मिशन सफल रहा है। 

यह प्रयोग ग्रह रक्षा के लिए दुनिया का पहला स्‍पेस टेस्‍ट था। यह भी पहली हुआ जब हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एकसाथ एक ही खगोलीय लक्ष्य को ऑब्‍वर्ज किया। इस टक्‍कर के असर से वह डिडिमोस (Didymos) के चारों ओर एक छोटी व तेज कक्षा में चला गया। ध्‍यान रहे कि डिमोर्फोस, डिडिमोस की परिक्रमा करता है। 
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DART की टक्‍कर ने डिमोर्फोस की कक्षा को 11 घंटे 55 मिनट से 11 घंटे और 23 मिनट तक छोटा कर दिया। नासा ने उम्‍मीद लगाई थी कि इस टक्‍कर से डिमोर्फोस की गति में 10 मिनट तक का बदलाव हो सकता है, लेकिन परिणाम उम्‍मीद से बेहतर रहे हैं और डिमोर्फोस की कक्षीय अवधि 32 मिनट तक तेज हुई है। 
 

 

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