वैज्ञानिकों ने की चांद की मिट्टी पर की पौधे उगाने की कोशिश, नतीजे देख रह गए हैरान!

बीज 3 दिन के अंदर ही अंकुरित हो गए। एक हफ्ते के बाद इनमें से पौधों को हटा दिया गया, केवल एक को छोड़कर। बचे हुए एक पौधे को 20 तक बढ़ने दिया गया और फिर जेनेटिक अध्य्यन के लिए इसे काट लिया गया।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 14 मई 2022 13:02 IST
ख़ास बातें
  • बीज 3 दिन के अंदर ही अंकुरित हो गए
  • पौधे को 20 तक बढ़ने दिया गया
  • चांद की मिट्टी कॉस्मिक किरणों और सौर वायु के लम्बे एक्पोजर में रहती है

नासा ने इस प्रयोग के लिए केवल 12 ग्राम मिट्टी ही दी थी जो कि Apollo 11, Apollo 12 और Apollo 17 मिशन के दौरान इकट्ठा की गई थी।

आपने चंद्रमा पर पौधे उगाने के बारे में सोचा है? वैज्ञानिकों ने चांद पर तो नहीं, लेकिन इससे आई मिट्टी पर बीज उगाने में सफलता हासिल कर ली है। चांद से मिट्टी के ये नमूने 1969 और 1972 में नासा के मिशनों के दौरान इकट्ठे किए गए थे, जिन पर वैज्ञानिकों ने पौधे उगाए हैं। धरती के पौधों का दूसरी दुनिया की मिट्टी में उग पाना मानवता के लिए बहुत बड़ी सफलता है। इससे संभावना पैदा होती है कि धरती पर पनपने वाले पौधों को दूसरे ग्रहों पर भी उगाया जा सकता है। 

शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने अरबिडोप्सिस थालियाना (Arabidopsis thaliana) नाम के एक कम फूल वाले खरपतवार के बीज 12 छोटे कंटेनरों में लगाए। ये कंटेनर बहुत छोटे हैं जो केवल मनुष्य की उंगली की टिप के बराबर हैं। इनमें केवल 1 ग्राम चांद की मिट्टी डाली गई, जिसे सही अर्थों में लूनर रिगोलिथ (lunar regolith) कहा जाता है। यह मिट्टी नुकीले कणों और ऑर्गेनिक मैटिरियल की कमी के चलते धरती की मिट्टी से बहुत अलग है, इसलिए वैज्ञानिकों को शंका थी कि शायद पौधे न उगें। 

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा में हॉर्टीकल्चर साइंसेज के प्रोफेसर एना लिसा पॉल ने कहा, "जब हमने पहली बार देखा कि सभी सैम्प्लों पर हरे रंग के अंकुर फूट आए हैं, तो हमारी सांसें जैसे थम सी गईं।" उन्होंने कहा, "पौधे चांद की मिट्टी पर उग सकते हैं। ये साधारण सा वाक्य अपने आप में बहुत बड़ा है और भविष्य के चांद और मंगल के लिए दरवाजे खोलता है।"

हर एक बीज इस मिट्टी में अंकुरित हुआ और बाहर से देखने पर चांद की मिट्टी में अंकुरण के शुरुआती चरणों में कोई अंतर देखने को नहीं मिल पा रहा था। यह मिट्टी ज्यादातर चूरा की गई बेसाल्ट चट्टानों से बनी है। बीजों को धरती पर फटने वाले ज्वालामुखी की राख में भी उगाया गया क्योंकि इसमें भी वैसे ही खनिज तत्व और वैसे ही आकार के कण पाए जाते हैं। इसके माध्यम से वैज्ञानिक दोनों तरह की मिट्टी की तुलना करना चाहते थे। 

ज्वालामुखीय मिट्टी में उगे पौधों की अपेक्षा चांद की मिट्टी में उगाए गए पौधे उम्मीद के मुताबिक ज्यादा विकास नहीं कर पाए। ये बहुत धीरे बढ़े और आकार में बहुत छोटे थे। इनकी जड़ें काफी रूखी थीं और पत्तियां छोटी थीं, जिनका रंग लाल और काला सा था। यह बता रहा था कि इनका स्वस्थ विकास नहीं हो पाया। इन्होंने वैसे ही रिएक्ट किया जैसे आम पौधे नमक, धातु और ऑक्सीडेशन के प्रति करते हैं। 
Advertisement

पॉल ने कहा कि भले ही पौधे चांद की मिट्टी में उग पाए लेकिन मेटाबॉलिक दृष्टिकोण से इन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी। लेकिन शोधकर्ताओं के लिए इनका उग पाना ही बहुत बड़ी बात थी। उन्होंने आगे कहा कि पौधों के उग पाने से ही यह संभावना मजबूत हो जाती है कि हम चांद पर जाकर अपना भोजन उगा सकते हैं, हवा को साफ कर सकते हैं और पौधों की मदद से पानी को रिसाइकल भी कर सकते हैं, जैसा कि पृथ्वी पर भी करते हैं। 

नासा ने इस प्रयोग के लिए केवल 12 ग्राम मिट्टी ही दी थी जो कि Apollo 11, Apollo 12 और Apollo 17 मिशन के दौरान इकट्ठा की गई थी। शोधकर्ताओं ने लगभग दर्जन कंटेनरों में 3-4 बीज डाले और उनमें एक पोषक सॉल्यूशन भी डाला। उसके बाद इन्हें लैब में 23 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा गया जिनके ऊपर गुलाबी छटा वाली रोशनी की भी व्यवस्था की गई थी। 
Advertisement

बीज 3 दिन के अंदर ही अंकुरित हो गए। एक हफ्ते के बाद इनमें से पौधों को हटा दिया गया, केवल एक को छोड़कर। बचे हुए एक पौधे को 20 तक बढ़ने दिया गया और फिर जेनेटिक अध्य्यन के लिए इसे काट लिया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि चांद की मिट्टी, जो कि कॉस्मिक किरणों और सौर वायु के लम्बे एक्पोजर में रहती है, पौधों के विकास के लिए बहुत अधिक अच्छी नहीं है। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Jio AI Classroom हुआ लॉन्च: बिना 1 पैसा दिए Free में सीखें AI
  2. Google Chrome यूजर्स पर मंडरा रहा खतरा, CERT-in ने जारी की चेतावनी- हैकर्स की आपके सिस्टम पर नजर
  3. Vivo V60e vs Realme 15 Pro 5G vs OnePlus Nord 5: देखें कौन सा स्मार्टफोन है बेस्ट
#ताज़ा ख़बरें
  1. गेमर्स की बल्ले-बल्ले: Razer के गेमिंग प्रोडक्ट्स पर 87% तक डिस्काउंट, कीमत Rs 2 हजार से शुरू!
  2. अक्टूबर में लॉन्च होने वाले हैं OnePlus से लेकर Vivo, Oppo और Realme जैसे स्मार्टफोन
  3. Jio AI Classroom हुआ लॉन्च: बिना 1 पैसा दिए Free में सीखें AI
  4. URBAN ने Nuvo पोर्टेबल ब्लेंडर किए लॉन्च, सिंगल चार्ज में करेंगे लंबे समय तक काम, जानें फीचर्स
  5. अब नहीं डालना पड़ेगा UPI PIN! फिंगरप्रिंट और फेस अनलॉक से ऐसे होगा होगा पेमेंट, जानें स्टेप्स
  6. Google Chrome यूजर्स पर मंडरा रहा खतरा, CERT-in ने जारी की चेतावनी- हैकर्स की आपके सिस्टम पर नजर
  7. Vivo V60e vs Realme 15 Pro 5G vs OnePlus Nord 5: देखें कौन सा स्मार्टफोन है बेस्ट
  8. Flipkart Big Bang Diwali Sale: iPhone 16 मात्र 51,999 रुपये में, Samsung Galaxy S24 FE हुआ 29,999 रुपये का
  9. TCS में वर्कर्स की छंटनी को लेकर बढ़ा विवाद, एंप्लॉयी यूनियन ने लगाया प्रेशर डालने का आरोप
  10. फाइनेंशियल फ्रॉड की चेतावनी देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा RBI
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.