गजब : वैज्ञानिकों ने खोजे 1 लाख नए टाइप के वायरस, मिट्टी, समुद्र, सीवेज, गीजर तक से लिए सैंपल

यह स्‍टडी तेल अवीव यूनिवर्सिटी (Tel Aviv University) ने की है, जो बताती है कि इस खोज के बाद RNA वायरसों की संख्‍या करीब 9 गुना बढ़ गई है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 29 दिसंबर 2022 19:15 IST
ख़ास बातें
  • तेल अवीव यूनिवर्सिटी ने की स्‍टडी
  • RNA वायरसों की संख्‍या 9 गुना तक बढ़ी
  • दुनियाभर के संस्‍थानों ने किया स्‍टडी में सहयोग

यह स्‍टडी डॉक्टरेट के छात्र उरी नेरी ने तेल अवीव यूनिवर्सिटी में लाइफ साइंस के प्रोफेसर उरी गोफना की गाइडेंस में पूरी की।

दुनियाभर के 100 से ज्‍यादा वैज्ञानिकों ने मिलकर लगभग एक लाख नए टाइप के वायरसों (Virus) की खोज की है, जिनके बारे में अब तक जानकारी नहीं थी। यह स्‍टडी तेल अवीव यूनिवर्सिटी (Tel Aviv University) ने की है, जो बताती है कि इस खोज के बाद RNA वायरसों की संख्‍या करीब 9 गुना बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने एक लाख नए वायरसों को मिट्टी के नमूनों, झीलों और दूसरे इकोसिस्‍टम में खोजा, जाेकि अभूतपूर्व है। इस स्‍टडी में दुनियाभर के संस्‍थानों ने सहयोग किया। 

स्‍टडी बताती है कि इस खोज से एंटी-माइक्रोबियल दवाओं (anti-microbial drugs) के विकास में मदद मिल सकती है और उन नुकसानदेह कवक (fungi) और परजीवियों (parasites) से बचाव हो सकता है, जो कृषि के लिए हानिकारक हैं। 

यह स्‍टडी डॉक्टरेट के छात्र उरी नेरी ने तेल अवीव यूनिवर्सिटी में लाइफ साइंस के प्रोफेसर उरी गोफना की गाइडेंस में पूरी की। स्‍टडी में अमेरिका की रिसर्च बॉडीज NIH और JGI के अलावा फ्रांस में पाश्चर इंस्टिट्यूट (Pasteur Institute) ने भी सहयोग किया। स्‍टडी को जर्नल सेल (journal Cell) में पब्लिश किया गया है, जिसमें दुनिया भर के 100 से ज्‍यादा वैज्ञानिकों का जुटाया गया डेटा शामिल था।

उरी नेरी ने बताया कि स्‍टडी के दौरान दुनियाभर से सैंपल जुटाए गए। ये सैंपल महासागरों, मिट्टी, सीवेज यहां तक कि गीजर तक से लिए गए। RNA वायरस का पता लगाने के लिए रिसर्चर्स ने नई कम्प्यूटेशनल तकनीकों का इस्तेमाल किया। स्‍टडी कहती है कि वायरस, जेनेटिक पैरासाइट्स होते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें अपनी जेनेटिक इन्‍फर्मेशन को रेप्लिकेट करने, नए वायरस पैदा करने और इन्‍फेक्‍शन साइकल को पूरा करने के लिए एक जीवित कोशिका (living cell) को संक्रमित करना होगा। 

कुछ वायरस, रोग पैदा करने वाले एजेंट होते हैं और इंसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जैसे कोरोना वायरस। इसके बावजूद ज्‍यादा वायरस हमें नुकसान नहीं पहुंचाते। कुछ हमारे शरीर अंदर रहते हैं, लेकिन उनसे कोई नुकसान नहीं होता। स्‍टडी बताती है कि हमारी दुनिया में वायरसों का विस्‍तार कितना अधिक है खासतौर पर RNA वायरस। 
 

 

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