Sun Coronal Hole : सूर्य में हुआ बहुत बड़ा ‘छेद’, 60 पृथ्‍वी हो जाएंगी फ‍िट! क्‍या यह चिंता की बात है? जानें

Giant Sun hole : सूर्य में हुआ होल नई बात नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का ध्‍यान इसकी ओर गया है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 7 दिसंबर 2023 11:13 IST
ख़ास बातें
  • सूर्य में हुआ कोरोनल होल
  • 2 दिसंबर को इसे स्‍पॉट किया गया
  • 60 पृथ्‍वी जितना है बड़ा

सूर्य में हुआ छेद सिर्फ एक दिन के अंदर करीब 5 लाख मील तक चौड़ा हो गया।

Photo Credit: Nasa

Giant Sun hole : सूर्य में हो रही सौर गतिविधियों ने वैज्ञानिकों को टेंशन में डाला हुआ है। इसी महीने 2 दिसंबर को सूर्य में इतना बड़ा ‘छेद' हो गया है कि उसमें 60 पृथ्‍वी फ‍िट हो सकती हैं। दुनियाभर के साइंटिस्‍टों की टीम इस कोरोनल होल (coronal hole) को मॉनिटर कर रही है। होल की वजह से हमारे ग्रह की तरफ सौर हवाओं के झोंके आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सूर्य में हुआ होल नई बात नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का ध्‍यान इसकी ओर गया है।      

रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य में हुआ छेद सिर्फ एक दिन के अंदर करीब 5 लाख मील तक चौड़ा हो गया। यह पृथ्‍वी की ओर फोकस्‍ड है, जिस वजह से हमारे ग्रह तक सौर हवाओं के पहुंचने की संभावना बनी हुई है। सूर्य में हो रही गतिविधियां साल 2025 तक जारी रह सकती हैं। यह सब सोलर मैक्सिमम की वजह से हो रहा है। यह सूर्य का 11 साल का एक चक्र है। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही आगाह कर चुकी है कि सोलर मैक्सिमम की वजह से पृथ्‍वी पर भू-चुंबकीय तूफान बहुत ज्‍यादा आएंगे। सोलर फ्लेयर से लेकर कोरोनल मास इजेक्‍शन तक पृथ्‍वी को प्रभावित करेंगे।  

बहरहाल, मौजूदा कोरोनल होल की वजह से फ‍िलहाल पृथ्‍वी को कोई बड़ा खतरा नहीं है। अगर कोई बड़ा सौर तूफान आता है, तो कुछ असर जरूर हो सकता है। 
 

क्‍या होते हैं कोरोनल मास इजेक्‍शन (Coronal mass ejection)

कोरोनल मास इजेक्शन या CME सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। 
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अगर ये हमारे ग्रह के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाएं तो भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 
 
 
 

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