• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 7kg की छोटी सी डिवाइस लगाएगी एलियंस का पता! जानें वैज्ञानिकों ने क्‍या बना डाला

7kg की छोटी सी डिवाइस लगाएगी एलियंस का पता! जानें वैज्ञानिकों ने क्‍या बना डाला

यह एक छोटी लेजर डिवाइस है और पुरानी डिवाइस के मुकाबले ज्‍यादा संसाधन कुशल (resource efficient) है।

7kg की छोटी सी डिवाइस लगाएगी एलियंस का पता! जानें वैज्ञानिकों ने क्‍या बना डाला

डिवाइस का वजन सिर्फ 17 पाउंड यानी करीब 7.7 किलो है। जीवन के संकतों का पता लगाने के लिए बनाई गई यह डिवाइस असल में दो जरूरी डिवाइसेज का एक छोटा वर्जन है।

ख़ास बातें
  • रिसर्चर्स ने बनाई छोटी लेजर डिवाइस
  • स्‍पेस मिशनों में करेगी मदद
  • जीवन के संकेतों का पता लगाने में होगी मददगार
विज्ञापन
दुनियाभर के वैज्ञानिक और स्‍पेस एजेंसियां पृथ्‍वी से बाहर अपने मिशन भेज रही हैं। वह जानना चाहती हैं कि क्‍या पृथ्‍वी के बाहर जीवन मुमकिन है। अगर है, तो कहां? वैज्ञानिकों ने कई वर्षों से ब्रह्मांड को टटोला है। वह तलाश रहे हैं कि धरती के अलावा और किस ग्रह पर जीवन पनप सकता है। एक्‍सोप्‍लैनेट पर वैज्ञानिकों की खास नजर है। एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारे सूर्य के अलावा किसी अन्‍य तारे की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिक जैसे-जैसे सुदूर ब्रह्मांड में अपने मिशन भेजते हैं, उन्‍हें ऐसे उपकरणों की जरूरत होती है, जो कॉम्‍पैक्‍ट हो, सटीक काम करे और विश्‍लेषण हासिल करने में मददगार हो। मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम ने ऐसा ही एक उपकरण तैयार किया है।   

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टीम ने नासा की जरूरतों के हिसाब से एक डिवाइस बनाई है। यह एक छोटी लेजर डिवाइस है और पुरानी डिवाइस के मुकाबले ज्‍यादा संसाधन कुशल (resource efficient) है। नई डिवाइस से जुड़ा रिसर्च पेपर सोमवार को जरनल नेचर एस्‍ट्रोनॉमी में पब्लिश हुआ है। 

बताया जाता है कि डिवाइस का वजन सिर्फ 17 पाउंड यानी करीब 7.7 किलो है। जीवन के संकतों का पता लगाने के लिए बनाई गई यह डिवाइस असल में दो जरूरी डिवाइसेज का एक छोटा वर्जन है। यह एक अल्‍ट्रावॉयलेट लेजर है, जो दूसरे ग्रहों से जुटाए जाने वाले सैंपलों से छोटी मात्रा में सैंपल निकालता है। इसमें एक ऑर्बिट्रैप एनालाइजर भी लगा है, जो मटीरियल के केमिस्‍ट्री से जुड़ा हाई-रेजॉलूशन डेटा उपलब्‍ध कराता है।  

स्‍टडी के प्रमुख लेखक प्रोफेसर रिकार्डो अरेवालो के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि ऑर्बिट्रैप को मूल रूप से 
कमर्शल इस्‍तेमाल के लिए बनाया गया था। ये एनालाइजर लैब में काफी यूज होते हैं। इसका प्रोटोटाइप तैयार करने में रिसर्चर्स को 8 साल लग गए। वैज्ञानिकों ने ऑर्बिट्रैप को छोटा किया। इसे पृथ्‍वी से बाहर भेजे जाने के अनुकूल बनाया। यह कम बिजली खपत करता है, जो पृथ्‍वी से बाहर भेजी जाने वाले डिवाइसेज के लिए अहम है। 

यह डिवाइस भविष्‍य के मिशनों के लिए मददगार हो सकती है। खासतौर पर जीवन के संकेतों का पता लगाने वाले मिशन, चंद्रमा की सतह की खोज से जुड़े मिशन आदि। हो सकता है नासा के आर्टिमिस मिशन (Artemis Mission) में इस डिवाइस का इस्‍तेमाल किया जाए। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. POCO के F7 5G की 1 जुलाई से शुरू होगी बिक्री, Flipkart पर लाइव हुई माइक्रोसाइट
  2. UBON SP-85 Party Speaker भारत में लॉन्च, 30W साउंड, 20 घंटे की बैटरी, जानें कीमत
  3. टेक्नोलॉजी की दुनिया से आपके लिए आज की 5 महत्वपूर्ण खबरें
  4. BSNL लगाएगी फ्लैश सेल, फ्री डेटा से लेकर डिस्काउंट तक की पेशकश
  5. Asus का लैपटॉप भारत में 18,990 रुपये में लॉन्च
  6. Samsung Galaxy M36 5G भारत में 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें क्या है खास
  7. Redmi K Pad टैबलेट 8.8-इंच डिस्प्ले, 7500mAh बैटरी, 16GB रैम के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत
  8. Xiaomi YU7 EV: करीब 30 लाख से शुरू होती है इस 835 KM रेंज वाली YU7 EV की कीमत, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  9. Google Pixel 7 आखिर क्यों हुआ जापान में बैन?
  10. Xiaomi MIX Flip 2 हुआ 50MP कैमरा, Snapdragon 8 Elite के साथ लॉन्च, जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »