• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • क्या आप भी इस्तेमाल करते हैं ईयरफोन? 1 अरब युवाओं और बच्‍चों के कान खतरे में, आज ही हो जाएं अलर्ट

क्या आप भी इस्तेमाल करते हैं ईयरफोन? 1 अरब युवाओं और बच्‍चों के कान खतरे में, आज ही हो जाएं अलर्ट

हेडफोन और ईयरबड्स के इस्‍तेमाल और तेज म्‍यूजिक की वजह से लोगों की सुनने की क्षमता खत्‍म हो सकती है।

क्या आप भी इस्तेमाल करते हैं ईयरफोन? 1 अरब युवाओं और बच्‍चों के कान खतरे में, आज ही हो जाएं अलर्ट

अमेरिका के साउथ कैरोलिना की मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स समेत एक इंटरनेशनल टीम ने कहा है कि दुनिया भर की सरकारों को जल्‍द जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

ख़ास बातें
  • नई स्‍टडी में चौंकाने वाली जानकारी आई है
  • रिसर्चर्स ने कहा, सरकारों को कदम उठाने की जरूरत है
  • दुनिया भर में 43 करोड़ से ज्‍यादा लोग हैं बहरेपन का शिकार
विज्ञापन
स्‍मार्टफोन्‍स के साथ जिस गैजेट का इस्‍तेमाल दुनिया में सबसे ज्‍यादा बढ़ा है, वह हैं हेडफोन। मॉर्निंग वॉक से लेकर रात को सोने तक लोगों के कानों में ईयरफोन अब आम हो गए हैं। सुनना हो म्‍यूजिक या फ‍िर देखनी हो मूवी, हर कोई पर्सनल एंटरटेनमेंट चाहता है, जिसे पूरा करे हैं हेडफोन, ईयरबड्स या फ‍िर ईयरफोन। इनके नाम और डिजाइन भले अलग हों, लेकिन मकसद एक है, लोगों को बेहतर साउंड उपलब्‍ध कराना। हालांकि इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल (BMJ Global Health) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में एक अरब से ज्‍यादा किशोर और युवा बहरेपन का शिकार होने के कगार पर हैं।  हेडफोन और ईयरबड्स के इस्‍तेमाल और तेज म्‍यूजिक की वजह से उनके सुनने की क्षमता खत्‍म हो सकती है। 

अमेरिका के साउथ कैरोलिना की मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स समेत एक इंटरनेशनल टीम ने कहा है कि दुनिया भर की सरकारों को जल्‍द जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। स्‍टडी के लेखकों का कहना है कि सरकारों, इंडस्‍ट्री और सिविल सोसायटी को सुनने की सेफ प्रैक्टिस को बढ़ावा देना चाहिए। रिसर्चर्स ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया भर में 43 करोड़ से ज्‍यादा लोग वर्तमान में इस मुसीबत का सामना कर रहे हैं।   

इसके अलावा, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की स्टडी में भी ऐसे ही आंकड़े सामने आए हैं। बताया गया है कि लगभग 52 लाख किशोर और 17 लगभग 2.6 करोड़ युवाओं की सुनने की क्षमता खत्म हो गई है। इसकी वजह जरूरत से ज्‍यादा शोर को बताया गया है। कहा गया है युवा के कान पर्सनल लिसनिंग डिवाइसेज (पीएलडी) के इस्‍तेमाल के कारण कमजोर होते हैं। इनमें  स्मार्टफोन, हेडफोन और ईयरबड्स आदि शामिल हैं। 

पूर्व में हुए शोध बता चुके हैं कि पर्सनल लिसनिंग डिवाइसेज इस्‍तेमाल करने वाले यूजर्स आमतौर पर 105 डेसिबल (डीबी) के आसपास के लेवल पर म्‍यूजिक सुनते हैं, जबकि वयस्कों के लिए इसकी लिमिट 80 डेसिबल और बच्चों के लिए 75 डेसिबल है, फ‍िर चाहे कुछ देर के लिए ही म्‍यूजिक क्‍यों ना सुनना हो। 

सभी रिसर्च हम सभी के लिए अलर्ट जारी करती है, क्‍योंकि आजकल हर कोई ईयरफोन्‍स का इस्‍तेमाल करता है। आप बेशक म्‍यूजिक सुनिए, लेकिन बहुत लाउड नहीं। कम से कम आवाज में ही साउंड कानों तक पहुंचना चाहिए। जिन लोगों को लगता है कि उन्‍हें कोई समस्‍या नहीं है, उन्‍हें यह समझना होगा कि तेज साउंड में सुनना भविष्‍य में परेशानी की वजह बन सकता है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Motorola ने भारत में लॉन्च किया Edge 60 Fusion, 50 मेगापिक्सल का Sony कैमरा
  2. Zomato ने 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, AI करेगा उनका काम!
  3. 6000mAh से बड़ी बैटरी के साथ होगा OnePlus 13T पेश, जानें
  4. Lava Bold 5G हो रहा 8 अप्रैल को लॉन्च, 10999 रुपये कीमत में 64MP कैमरा, AMOLED डिस्प्ले
  5. Realme Narzo 80 Pro, Narzo 80x भारत में अगले हफ्ते होंगे लॉन्च, जानें कैसे होंगे फीचर्स
  6. BSNL ने भारत के इन शहरों में शुरू की 5G नेटवर्क की टेस्टिंग, आप भी चलाएं फास्ट इंटरनेट
  7. Xiaomi 15 Ultra vs iPhone 16 Pro Max: फीचर्स और कीमत में तुलना
  8. iQOO Z10x होगा 11 अप्रैल को पेश, डिजाइन और फीचर्स आए सामने
  9. Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
  10. 'अंतरिक्ष से शानदार दिखता है भारत', NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने जानकारी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »