यह कहना गलत नहीं होगा कि लॉन्च किए जाने के बाद से विंडोज 10 का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने कोई कसर नहीं छोड़ी। कंपनी इस ऑपरेटिंग सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर इतनी आक्रमक थी कि उसने पुराने विंडोज यूज़र को नए विंडोज 10 वर्ज़न का अपग्रेड मुफ्त में उपलब्ध करा दिया। हालांकि, इस शुक्रवार (29 जुलाई) के बाद से यह अपग्रेड मुफ्त में नहीं उपलब्ध रहेगा।
जी हां, विंडोज 10 को लॉन्च हुए करीब 1 साल का वक्त बीत चुका है और इस शनिवार से माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज 10 होम पाने के लिए आपको 119 डॉलर (करीब 8,000 रुपये) चुकाने पड़ेंगे।
रेडमंड स्थित इस कंपनी ने पिछले साल 29 जुलाई को विंडोज 10 को आम यूज़र के लिए रोल आउट किया था। इसे विंडोज 7 और विंडोज 8.1 पर चल रहे डिवाइस के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराया गया था। नए ऑपरेटिंग सिस्टम को लैपटॉप, पीसी, टैबलेट और एक्सबॉक्स वन कंसोल में इस्तेमाल किया जाता है।
फ्री अपग्रेड का विकल्प सिर्फ इंटरप्राइज एडिशन के मालिकों के लिए नहीं उपलब्ध था। यह एडिशन बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए होता है।
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इस अपग्रेड के साथ सबसे बड़ी खराबी यह है कि कंपनी ने इसकी बेहद ही आक्रामक मार्केटिंग की। इसकी शिकायत कई यूज़र ने की थी जिसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने थोड़ा संयम बरतने का फैसला किया।
विंडोज ने नए वर्ज़न में अपग्रेड करने का सुझाव इतनी बार दिया कि कई यूज़र इससे परेशान हो गए। कंपनी की आक्रामक रणनीति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि माइक्रोसॉफ्ट पर कई बार यूज़र की इज़ाजत के बिना विंडोज 10 डाउनलोड और इंस्टॉल करने का आरोप लगा।
एक बार तो कंपनी को एक महिला की इजाजत के बिना उसके पर्सनल कंप्यूटर पर विंडोज 10 इंस्टॉल करने के लिए हर्जाने के तौर पर 10 हज़ार डॉलर देना पड़ा। महिला ने शिकायत की थी कि इस अपडेट के कारण उसके कुछ ज़रूर फाइल खो गए थे।
दूसरी तरफ, अगस्त महीने में कंपनी विंडोज 10 का
एनिवर्सरी अपडेट जारी करेगी। इसकी जानकारी मार्च महीने में आयोजित कंपनी के वार्षिक बिल्ड कॉन्फ्रेंस में दी गई थी।
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