Xiaomi की 67 करोड़ डॉलर के एसेट्स जब्त करने के खिलाफ अपील कोर्ट ने की खारिज

ED का आरोप है कि कंपनी ने रॉयल्टी के भुगतान की मद में विदेश में गैर कानूनी तरीके से रकम ट्रांसफर की थी

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 7 अक्टूबर 2022 18:13 IST
ख़ास बातें
  • कंपनी ने एसेट्स जब्त करने के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील की थी
  • कोर्ट ने कंपनी को तुरंत राहत देने से इनकार कर दिया
  • रॉयल्टी की मद में कंपनी पर गलत तरीके से विदेश रकम भेजने का आरोप है

पिछले सप्ताह एक अपीलेट अथॉरिटी ने एसेट्स जब्त करने की ED को अनुमति दी थी

चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi की लगभग 67.6 करोड़ डॉलर के एसेट्स को जब्त करने के खिलाफ अपील को कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने ये एसेट्स जब्त किए हैं। ED का आरोप है कि कंपनी ने रॉयल्टी के भुगतान की मद में विदेश में गैर कानूनी तरीके से रकम ट्रांसफर की थी। पिछले सप्ताह एक अपीलेट अथॉरिटी ने एसेट्स जब्त करने की ED को अनुमति दी थी।

हालांकि,  Xiaomi ने किसी गड़बड़ी से इनकार किया है। कंपनी ने एसेट्स को जब्त करने को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। Xiaomi ने कहा था कि उसकी कानूनी स्थिति के अनुसार यह पूरी तरह गलत है और इससे उसके बिजनेस पर असर पड़ा है। कंपनी के एडवोकेट ने कोर्ट से एसेट्स को वापस दिलाने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि कंपनी को पहले जब्त किए गए एसेट्स के समान रकम की बैंक गारंटी उपलब्ध करानी होगी। इस पर Xiaomi का कहना था कि पूरी रकम की बैंक गारंटी देने से कंपनी के लिए बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा। Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में जज ने तुरंत कोई राहत देने से मना कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। 

इस बारे में Xiaomi से प्रतिक्रिया नहीं मिली है। देश के स्मार्टफोन मार्केट में Xiaomi लगभग 18 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ टॉप कंपनियों में शामिल है। ED ने बताया था कि यह देश में जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी रकम है। ED ने FEMA के तहत लगभग चार महीने पहले रकम को जब्त करने का ऑर्डर जारी किया था और इसके बाद इसे स्वीकृति के लिए सक्षम अथॉरिटी के पास भेजा था। Xiaomi की देश में यूनिट के खिलाफ यह ऑर्डर FEMA के सेक्शन 37A के तहत जारी किया गया था। इस बारे में ED ने बताया, "अथॉरिटी ने 5,551.27 करोड़ रुपये को जब्त करने की पुष्टि करते हुए कहा है कि ED की जांच यह यह सही पाया गया है कि कंपनी ने यह रकम देश से बाहर अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर की थी और इसे ग्रुप की एटिटी की ओर से FEMA के सेक्शन 4 का उल्लंघन करते हुए विदेश में रखा था।" 

चीन के बीच लगभग दो वर्ष पहले बॉर्डर पर तनाव के बाद बहुत सी चाइनीज कंपनियों को भारत में बिजनेस करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। केंद्र सरकार ने सुरक्षा के कारणों से टिकटॉक सहित 300 से अधिक चाइनीज ऐप्स पर भी बैन लगा दिया था। पिछले कुछ महीनों में बहुत सी चाइनीज फर्मों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों ने कार्रवाई की है। 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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