फेस्टिव सीजन के दौरान बहुत सी कंपनियां और रिटेलर्स आकर्षक ऑफर्स के साथ प्रोडक्ट्स बेचे हैं। इनमें नो-कॉस्ट इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट्स (EMI) स्कीम्स भी शामिल होती हैं। नो-कॉस्ट EMI से कस्टमर्स बिना अतिरिक्त इंटरेस्ट या चार्ज के किश्तों पर प्रोडक्ट्स को खरीद सकते हैं।
बहुत से लोग नया स्मार्टफोन, व्हीकल और अप्लायंसेज खरीदने के लिए अक्सर फेस्टिव सीजन की
सेल्स का इंतजार करते हैं। हालांकि, ऐसी खरीदारी करने से पहले आपको इस
स्कीम के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए। जब आप एक खरीदारी के लिए नो-कॉस्ट EMI या जीरो कॉस्ट EMI का ऑप्शन चुनते हैं तो आप केवल उस प्रोडक्ट के लिए मंथली इंस्टॉलमेंट्स का भुगतान करेंगे और उस पर कोई इंटरेस्ट या चार्ज नहीं होगा। इसका मतलब है कि आप केवल प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत चुकाएंगे और उसे EMI में विभाजित किया जाएगा। बहुत से बैंक विभिन्न विकल्पों में नो-कॉस्ट EMI की सुविधा देते हैं।
कुछ लेंडर्स भी विशेष प्रोडक्ट्स पर जीरो डाउन पेमेंट की पेशकश करते हैं जिसमें आपको पहले कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं होती और आप प्रोडक्ट के प्राइस को मासिक किश्तों में आसानी से चुका सकते हैं। दूसरी ओर, कुछ बैंक डाउन पेमेंट के तौर पर एक न्यूनतम रकम लेते हैं और बाकी की रकम का भुगतान EMI में करना होता है। नो-कॉस्ट EMI में आप जरूरत के अनुसार भुगतान की विभिन्न अवधियों को चुन सकते हैं। यह 3 महीने से 24 महीने तक हो सकती है। हालांकि, अगर यह स्कीम आपकी खरीदारी के लिए ठीक लग रही है तो भी आपको कुछ पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।
नो-कॉस्ट EMI में मूल रकम पर कोई इंटरेस्ट नहीं होता लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप केवल प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत का भुगतान करेंगे। बहुत से लेंडर्स इस स्कीम के लिए एक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। इससे लेंडर्स को प्रोसेसिंग फीस के तौर पर इंटरेस्ट मिल जाता है। इसके अलावा ऐसी स्कीम को चुनने पर आपको अक्सर प्रोडक्ट पर डिस्काउंट नहीं मिलता, जिसे आप बिना स्कीम के ले सकते थे। नो-कॉस्ट EMI पर कोई प्रोडक्ट खरीदने से पहले इन पहलुओं पर ध्यान दें। इसके अलावा खरीदारी से पहले नियमों और शर्तों को हमेशा पढ़ने की सलाह दी जाती है। इससे आपको बाद में परेशानी नहीं होगी।