चाइनीज कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Xiaomi ने भारत में स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Dixon Technologies के साथ पार्टनरशिप की है। इससे पहले शाओमी ने भारत में वायरलेस ऑडियो डिवाइसेज बनाने की अपनी योजना का खुलासा किया था।
देश को इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ग्लोबल कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
शाओमी की भारत में यूनिट के प्रेसिडेंट, Muralikrishnan B ने मार्च में Reuters को बताया था कि कंपनी देश में स्टोर्स की संख्या बढ़ाएगी। शाओमी के पास लगभग 20,000 रिटेल पार्टनर्स का नेटवर्क है। इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी ने बताया था कि वह देश में ऑडियो डिवाइसेज बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी ने Optiemus Electronics के साथ टाई-अप किया है। देश में कंपनी स्पीकर्स, ईयरबड्स, वायर्ड और वायरलेस हेडफोन्स की बिक्री करती है।
शाओमी का पहली तिमाही में रेवेन्यू 18.9 प्रतिशत कम हो गया है।
स्मार्टफोन्स की डिमांड कमजोर होने से कंपनी के रेवेन्यू पर बड़ा असर पड़ा है। पहली तिमाही में कंपनी की सेल्स CNY 59.5 अरब (लगभग 4,91,900 करोड़ रुपये) रही। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में CNY 73.35 अरब (लगभग 6,06,400 करोड़ रुपये) की थी। हालांकि, कंपनी की नेट इनकम 13 प्रतिशत से अधिक बढ़कर CNY 2.86 अरब (लगभग 23,600 करोड़ रुपये) पर पहुंच गई।
पिछले वर्ष के अंत में महामारी को लेकर कड़ी पाबंदियों को हटाने से चीन की इकोनॉमी में रिकवरी हुई है लेकिन कंज्यूमर्स खर्च करने में सतर्कता बरत रहे हैं। चीन के स्मार्टफोन मार्केट में तेजी नहीं आई है। मार्केट रिसर्च फर्म Canalys की रिपोर्ट में बताया गया था कि पहली तिमाही में चीन में स्मार्टफोन की कुल सेल्स 11 प्रतिशत घटी है। इस अवधि में चीन में शाओमी की सेल्स में लगभग 20 प्रतिशत की कमी हुई है। शाओमी के लिए विदेश में भारत टॉप मार्केट हुआ करता था लेकिन देश में स्मार्टफोन की बिक्री घटने से कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है। इसके मार्केट शेयर में Samsung जैसी बड़ी कंपनियों ने सेंध लगाई है। भारत और चीन में डिमांड को बढ़ाने के लिए कंपनी ने अपने कई स्मार्टफोन्स के प्राइसेज भी घटाए हैं। भारत में शाओमी को कानूनी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है।