वीवो का यह स्मार्टफोन एंड्रायड 12 के प्राइवेसी फीचर्स देता है। जब फोन का माइक्रोफोन या कैमरा इस्तेमाल में होता है तो नोटिफिकेशन क्षेत्र में छोटे ऑडियो और वीडियो इंडिकेटर दिखाई देते हैं। इस सबके अलावा इसमें Origin OS से प्रेरित कुछ फनटच विजेट्स भी शामिल हैं। नोटिफिकेशन ट्रे और क्विक सेटिंग्स मेन्यु स्टॉक एंड्रॉयड पर रन करने वाले Google Pixel के जैसे नहीं दिखते हैं। ऐप ड्राअर में पावरफुल सर्च फंक्शन इसमें नहीं मिलता है, लेकिन नोटिफिकेशन हिस्ट्री इसकी कमी को पूरा कर देता है और आप नोटिफिकेशन ट्रे को बॉटम तक स्क्रॉल करके इसका इस्तेमाल (सेटिंग्स में जाकर पहले एक्टिवेट करना होगा) कर सकते हैं।
कंपनी ने फोन में नया Game Space ऐप जोड़ा है, लेकिन यह कोई खास काम नहीं आता है और केवल इतना बताता है कि आपके फोन में कौन-से गेम्स मौजूद हैं, और आपने उन्हें कितनी देर तक खेला है।
Vivo V23 Pro ने स्टैंडर्ड बेंचमार्क टेस्ट में उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म किया। इसने गीकबेंच के सिंगल और मल्टी-कोर टेस्ट में क्रमशः 950 और 3,216 स्कोर हासिल किया। वहीं, AnTuTu में 6,24,567 पॉइंट स्कोर किए। ये स्कोर जाहिर तौर पर मिड रेंज स्मार्टफोन के स्कोर के बराबर है और इसी प्राइस रेंज के
फोन की गेमिंग परफॉर्मेंस अच्छी थी। Call of Duty: Mobile और Asphalt 9: Legends जैसे गेम्स को सबसे हाई सेटिंग्स पर खेलते समय यह फोन गर्म भी हुआ। हालांकि, परफॉर्मेंस पर कोई असर दिखाए बिना इसने लंबे समय तक के गेमिंग सेशन को अच्छी तरह से संभाल लिया। Asphalt 9: Legends 60fps मोड पर स्मूद चला, लेकिन Call of Duty में उतना मज़ा नहीं आया, क्योंकि गेमिंग के दौरान इसकी टच सेंसिटिविटी जल्दी से मूव करने और दुश्मनों को मारने के मकसद में मेरा साथ नहीं दे पा रही थी। टच रिस्पॉन्स में इस हल्की देरी के कारण मैं कई टूर्नामेंट्स हार गया। ग्राफिक्स क्वालिटी को सबसे निचले स्तर पर करने के बाद भी फोन से वह लैग नहीं गया।
Vivo V23 Pro में एक सिंगल स्पीकर है, जो काफी लाउड लगता है, लेकिन हाई वॉल्यूम पर साउंड फटा हुआ महसूस होता है। इस प्राइस रेंज के फोन में अक्सर स्टीरिओ साउंड मिलता है, जो इस फोन में नदारद है। साउंड को बैलेंस करने के लिए फोन में एक स्टीरियो स्पीकर सेटअप होना चाहिए था।
फोन का AMOLED पैनल अच्छा है। यह काफी ब्राइट है, और कलर्स सैचुरेटेड हैं, लेकिन सूरज की सीधी रोशनी में देखने पर रंग थोड़े फीके दिखाई देते हैं। 90Hz का रिफ्रेश रेट काफी है, लेकिन इस फोन के कई प्रतियोगियों में इससे ज्यादा रिफ्रेश रेट देखने को मिल जाता है। पैनल को इसके कर्व्ड एज खास बनाते हैं। रोजमर्रा के इस्तेमाल में ये ज्यादा अलग नहीं दिखते हैं, लेकिन फोन का मीडियम साइज़ नॉच थोड़ा अलग दिखता है, क्योंकि आजकल ज्यादातर एंड्रॉयड फोन (इसके नीचे के और इसके ऊपर के प्राइस रेंज के) में होल-पंच कटआउट देखने को मिलता है, जो कम स्पेस लेने के साथ ही डिस्प्ले को एक क्लीन लुक देता है।
पतला होने के बाद भी फोन की बैटरी लाइफ काफी प्रभावित करती है और फोन ठीकठाक बैटरी बैकअप देता है। हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में फोन 12 घंटे और 7 मिनट तक चला, जो कि औसत से थोड़ा कम है। आम इस्तेमाल में सिंगल चार्ज में फोन पूरा दिन चल जाता है, लेकिन इस सेगमेंट में इसे बेस्ट नहीं कहा जा सकता। ज्यादा बैटरी पावर की इच्छा रखने वाले यूजर्स को कोई और विकल्प देखना होगा। 44W के फास्ट चार्जर से फोन जल्दी चार्ज हो जाता है। 30 मिनट में यह 65 प्रतिशत तक चार्ज हो जाता है और एक घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाता है।
Vivo V23 Pro cameras
Vivo V23 Pro के कैमरा स्पेसिफिकेशन काफी आकर्षक हैं। फ्रंट और रियर दोनों ही कैमरा 60fps पर 4K रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। फ्रंट कैमरा में एचडीआर वीडियो रिकॉर्डिंग भी है और दो एलईडी फ्लैश यूनिट्स हैं। फोन में कुल तीन रियर कैमरा हैं और दो फ्रंट कैमरा हैं। रियर में इसका प्राइमरी कैमरा 108 मेगापिक्सल का है, दूसरा कैमरा 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस है और तीसरा लेंस 2 मेगापिक्सल का मैक्रो शूटर है।
फ्रंट फेसिंग कैमरा में प्राइमरी कैमरा 50 मेगापिक्सल का है, जो ऑटोफोकस के साथ आता है। दूसरा कैमरा 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस है, जिससे ग्रुप सेल्फी आसानी से ली जा सकती है। कैमरा इंटरफेस अच्छे से सेट किया गया है और सभी जरूरी सेटिंग्स तक जल्दी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए टॉप लेफ्ट किनारे में (फोन को लम्बाई में पकड़ने पर) एक मेन्यू दिया गया है, जिसमें सेटिंग्स आसानी से बदली जा सकती हैं। यहां पर ध्यान देने लायक बात है कि स्पेशल वीडियो फीचर्स जैसे Steadiface और Super Night में केवल 30fps पर 1080p रिकॉर्डिंग की जा सकती है। एचडीआर वीडियो भी 1080p और 4K के लिए 30fps तक सीमित है। जबकि Super Stabilisation मोड में 1080p रिकॉर्डिंग 60fps तक सीमित है।
108MP कैमरा से लिए गए फोटो 12MP में सेव हुए। दिन की रोशनी में लिए गए फोटो में सैचुरेशन अधिक दिखाई दिया, लेकिन डायनेमिक रेंज और डीटेल्स अच्छी आईं। अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा से लिए गए फोटो डिटेल्स के मामले में औसत के नीचे रहे। केवल दिन की रोशनी में लिए गए फोटो ही इस्तेमाल करने लायक थे।
50 मेगापिक्सल के सेल्फी कैमरा ने भी फोटो को 12 मेगापिक्सल में सेव किया। दिन की रोशनी में ली गई सेल्फी काफी शार्प और क्लीयर थीं और इनमें डायनेमिक रेंज अच्छी थी। इसने सब्जेक्ट से बैकग्राउंड को भी अच्छे से अलग किया। पोट्रेट मोड में एज डिटेक्शन और और डिटेल्स बहुत अच्छी थीं। रियर कैमरा के पोट्रेट मोड में भी ऐसा ही देखने को मिला। अल्ट्रा वाइड सेल्फी कैमरा के फोटो भी लाजवाब थे और रियर फेसिंग अल्ट्रा वाइड कैमरा की तुलना में बहुत बेहतर थे। 2 मेगापिक्सल का मैक्रो कैमरा क्लोज़-अप शॉट्स लेने में काफी उपयोगी था, लेकिन क्वालिटी औसत थी।
लो-लाइट में प्राइमरी रियर कैमरा ने अच्छे शॉट्स लिए जिनमें काफी अच्छी डिटेल्स और डायनेमिक रेंज मिली। नाइट मोड के शॉट्स भी बेहतर थे। सब्जेक्ट शार्प नजर आएं, लेकिन कन्ट्रास्ट मोड में फोटो हल्के बनावटी लगे। कुछ फोटो ऐसे थे, जिनमें मैंने नोटिस किया कि स्ट्रीट लैम्प या रोशनी के अन्य सोर्स के आसपास हाइलाइट्स ज्यादा एक्सपोज थी। नाइट मोड में अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा से लिए गए फोटो फोन के डिस्प्ले पर अच्छे दिखे, लेकिन मॉनिटर स्क्रीन पर डिटेल्स ज्यादा नहीं थी।
लो लाइट में ली गई सेल्फी शार्प थीं और स्क्रीन फ्लैश की तुलना में स्पॉटलाइट फ्लैश के साथ डिटेल्स काफी अच्छी आईं। हालांकि दोनों ही तरीकों से फोटो की क्वालिटी को औसत से ज्यादा नहीं आंका जा सकता। नाइट मोड भी इसमें मदद नहीं कर पाया। अधिकतर मामलों में प्राइमरी सेल्फी कैमरा फ्लैश चालू करने के बाद भी फोकस करने में संघर्ष करता नजर आया।
वीडियो की बात करें तो यहां भी थोड़ी निराशा मिली। कंपनी ने एक्स्ट्रा फीचर्स पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया है लेकिन बेसिक फीचर्स को पीछे छोड़ दिया। फोन में वीडियो की बेस्ट क्वालिटी 30fps पर 4K वीडियो शूट करने में मिली। दिन की रोशनी में 1080p वीडियो रिकॉर्डिंग में डीटेल्स नहीं मिलीं। स्टेबलाइजेशन 1080p पर बहुत अच्छी थी लेकिन 60fps पर 4K वीडियो रिकॉर्ड करने में कहीं नजर नहीं आई।
फोन में एक अल्ट्रा स्टेबलाइजेशन मोड दिया गया है जो वीडियो को पूरी तरह से स्टेबल कर देता है, लेकिन इसका रिजॉल्यूशन 60fps पर 1080p तक ही सीमित है। दिन की रोशनी में किसी भी रिजॉल्यूशन में सेल्फी वीडियो शूट करते समय बैकग्राउंड जरूरत से ज्यादा एक्सपोज हो रहा था। एचडीआर मोड में सब्जेक्ट और बैकग्राउंड अच्छा उभर कर आया, लेकिन एक्सपोजर ज्यादा आया और डिटेल्स औसत से कम रहीं। वीवो ने Steadiface नाम का एक स्टैबलाइजेशन फीचर दिया है, जो दिन की रोशनी और लो लाइट में भी फुटेज को स्मूद दिखाता है।
जब सेल्फी कैमरा से लो-लाइट में वीडियो शूट किए तो फुटेज काफी ग्रेनी आए। Super Night वीडियो मोड ने इसे काफी हद तक कम करने में मदद की, लेकिन फ्रेम रेट गड़बड़ा गया। 1080p में वीडियो शूट करने पर डिटेल्स नहीं मिलीं। 60fps पर शूट किए गए वीडियो काफी डार्क रिकॉर्ड हुए और स्टेबलाइजेशन भी बहुत ज्यादा अच्छा नहीं था। चलते वक्त वीडियो स्मूदनेस में हल्की कमी दिखी। रिजॉल्यूशन को 4K में करने पर भी वीडियो की स्टेबिलिटी के साथ दिक्कत महसूस हुई। 4K में 60fps पर फुटेज काफी डार्क थे और पैन करते समय भी वीडियो शेक हो रहे थे। अल्ट्रा स्टेबलाइजेशन मोड में वीडियो हल्के ब्लर और फीके दिखाई दिए।
Verdict
यह फोन उन यूजर्स के लिए है जो एक पतला और हल्का स्मार्टफोन चाहते हैं, या फिर लेटेस्ट एंड्रॉयड स्मार्टफोन का एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं। इसका कलर चेंजिंग पैनल काफी अलग है। यह फोन इस सेगमेंट में मिलने वाले उन चुनिंदा स्मार्टफोन्स में से है, जिनमें कर्व्ड एज डिस्प्ले मिलता है। हालांकि, गेमिंग परफॉर्मेंस और बेहतरीन बैटरी लाइफ चाहने वाले यूज़र्स के लिए यह फोन कसौटी पर खरा नहीं उतरता है।
Vivo V23 Pro के लिए मुकाबला बहुत कड़ा है। Realme GT और iQoo 7 Legend को रिव्यू में परखने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि iQoo में इन सब में से बेस्ट कैमरा मिलता है। इसके अलावा और भी कई स्मार्टफोन्स, जैसे कि
OnePlus 9R,
Xiaomi Mi 11X Pro और हाल ही में लॉन्च किया गया
Xiaomi 11T Pro मार्केट में उपलब्ध हैं, जो कि Vivo V23 Pro से बेहतर गेमिंग परफॉर्मेंस देते हैं। इन सभी फोन में स्टीरिओ स्पीकर और एमोलेड डिस्प्ले मिलता है, जिसमें 120Hz तक रिफ्रेश रेट शामिल है। Mi 11X Pro में IP53 रेटिंग भी मिलती है।
Vivo V23 Pro के कैमरा से लिए गए फोटो काफी प्रभावित करते हैं, लेकिन वीडियो रिकॉर्डिंग में काफी सुधार की आवश्यकता है। V20 Pro से यह स्मार्टफोन कई मायनों में बेहतर साबित होता है, लेकिन परफेक्ट नहीं कहा जा सकता है। इसकी ज्यादा कीमत इसके लिए प्रतियोगिता को और तगड़ा कर देती है, क्योंकि इसे इस रेंज के प्रीमियम स्मार्टफोन्स का भी मुकाबला करना है, जो इससे बेहतर परफॉर्म करते हैं।