आपके मोबाइल फोन में 'पैनिक बटन' होने के मायने

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से अगले साल से देश में बिकने वाले सभी मोबाइल फोन एक ‘पैनिक बटन’ के साथ आएंगे। यह बटन ऐसा होगा जिसके जरिए किसी भी संकट की स्थिति में आसानी से फोन किया जा सकेगा।

आपके मोबाइल फोन में 'पैनिक बटन' होने के मायने
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महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से अगले साल से देश में बिकने वाले सभी मोबाइल फोन एक ‘पैनिक बटन' के साथ आएंगे। यह बटन ऐसा होगा जिसके जरिए किसी भी संकट की स्थिति में आसानी से फोन किया जा सकेगा।
एक तरह से यह बटन आपात स्थिति में फोन (इमरजेंसी कॉल) करने का जरिया होगा। बेसिक फोन में इसे 5 या 9 नंबर में इंटिग्रेट किया जाएगा। इमरजेंसी नंबर पर होल्ड करने से पैनिक बटन ऑन हो जाएगा। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार की किस एजेंसी को यह अलर्ट जाएगा। संभव है कि सरकार इसे एकल इमरजेंसी नंबर 112 से जोड़ दे, जैसा कि अमेरिका में 911 के साथ है।

स्मार्टफोन पर तो आज की तारीख में यूज़र दिल्ली पुलिस के हिम्मत ऐप और कैनवसएम को डाउनलोड कर सकते हैं। इनका इस्तेमाल संकट की स्थिति में किया जा सकता है। लेकिन सरकार का कहना है कि आपातकाल की स्थिति में किसी ऐप को लॉन्च करने में बहुत वक्त लग सकता है। अब नए कानून के मुताबिक, ''पैनिक अलर्ट [5 या 9] नंबर को लंबे समय दबाने पर एक्टिव हो जाना चाहिए। या फिर पावर ऑन या ऑफ बटन को लगातार क्रम में तीन बार दबाने पर।"

यही नहीं एक जनवरी 2018 से सभी फोनों में जीपीएस नैविगेशन सिस्टम भी अनिवार्य कर दिया गया है। इससे यूज़र के लोकेशन आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इसका असर फोन की कीमत पर भी पड़ सकता है।

सरकार द्वारा जारी की अधिसूचना से यह साफ नहीं है कि पैनिक बटन को हिट करने पर किन-किन लोगों को अपने आप फोन कॉल चला जाएगा। और इस कॉल में किस तरह की जानकारियां शामिल होंगी।

गौर करने वाली बात है कि भारत में उबर और ओला जैसे ट्रैवल ऐप पहले सी पैनिक बटन के साथ आते हैं। उबर ऐप में पैनिक बटन दबाने पर अपने आप ही स्थानीय पुलिस को फोन कॉल चला जाता है। इसके साथ कैब का जीपीएस लोकेशन, यात्री और ड्राइवर की पहचान व फोन नंबर पुलिस के साथ साझा किए जाते हैं।

नई ज़रूरतों को ध्यान में रखने के लिए अब ऐप्पल और सैमसंग समेत सभी फोन निर्माता कंपनियों को पैनिक बटन के लिए सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करने होंगे।

ऐप्पल तो आसानी से सॉफ्टवेयर में बदलाव करके इस फ़ीचर को अपने मोबाइल का हिस्सा बना लेगी। लेकिन मुश्किल एंड्रॉयड वालों के लिए है। क्योंकि आज की तारीख में एंड्रॉयड पर आधारित फोन बनाने वाली कंपनियां बहुत ज्यादा हैं।

एक और सवाल यह है कि क्या इस फ़ीचर के चक्कर में भारत में कुछ फोन के लॉन्च में देरी तो नहीं होगी। दरअसल, कई स्मार्टफोन को भारतीय मार्केट में पेश करने से पहले उन्हें चीन या अमेरिका में लॉन्च किया जाता है। अब फोन के भारतीय वेरिएंट में अलग से पैनिक बटन जोड़ना परेशान करने वाला हो सकता है। संभव है कि इस वजह से फोन को भारत में पेश करने में देरी हो।
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