बाबा रामदेव का Kimbho मैसेजिंग ऐप लॉन्च के साथ ही विवादों में

योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप किंभो को लॉन्च किया है। यह कंपनी इसे व्हाट्सऐप के एक 'स्वेदशी' विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती है।

बाबा रामदेव का Kimbho मैसेजिंग ऐप लॉन्च के साथ ही विवादों में
ख़ास बातें
  • पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप किंभो को लॉन्च किया
  • Kimbho App को कई जानकारों ने बेहद ही असुरक्षित करार दिया
  • एक दिन के अंदर ही किंभो ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटाया गया
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योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप किंभो को लॉन्च किया है। यह कंपनी इसे व्हाट्सऐप के एक 'स्वेदशी' विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती है। हालांकि, बुधवार देर शाम एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर लाए गए Kimbho App को कई जानकारों ने बेहद ही असुरक्षित करार दिया है। एलियट एंडरसन नाम के एक फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर ने तो इस ऐप को सिक्योरिटी के नाम पर मज़ाक बताया है। इस ऐप को एंड्रॉयड के ऐप मार्केट प्लेटफॉर्म गूगल प्ले से हटा भी लिया गया है, लेकिन यह ऐप्पल ऐप स्टोर पर अब भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। वैसे, बाबा रामदेव ने इस ऐप को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किंभो ऐप लॉन्च से संबंधित ट्वीट को रिट्वीट ज़रूर किया गया है।

Alderson (@fs0c131y) नाम के ट्विटर हैंडल से साझा किए गए स्क्रीनशॉट के मुताबिक, किंभो ऐप में आसानी से पढ़ जाने वाले JSON सिंटेक्स में यूज़र डेटा को स्टोर किया जाता है। उन्होंने इस ऐप को एक मज़ाक और बेहद ही असुरक्षित करार दिया। उन्होंने दावा किया है कि वे आसानी से सभी यूज़र के मैसेज को पढ़ पा रहे थे। एक वीडियो के ज़रिए उन्होंने यह भी दिखाया कि वह कितनी आसानी से 0001 और 9999 के बीच के किसी भी सिक्योरिटी कोड को चुन पा रहे थे और अपनी पसंद के किसी भी नंबर को भेजने में सफल रहे।

एक और ट्विटर यूज़र ने दावा किया कि इस नए ऐप को बोलो नाम के ऐप पर बनाया गया है और पतंजलि की टीम तो ऐप के अंदर कई जगह पर बोलो की जगह किंभो का नाम इस्तेमाल करना भी भूल गई। देखा जाए तो किंभो की लिस्टिंग पेज पर दिया गया ब्योरा बोलो ऐप के पेज पर दिए गए ब्योरे से पूरी तरह से मेल खाता है, सिर्फ नाम बदल दिया गया है। जैसा कि हमने आपको बताया है, यह ऐप अब गूगल प्ले पर उपलब्ध नहीं है। इसे Apple App Store से अब भी डाउनलोड किया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म पर सोशल नेटवर्किंग कैटेगरी में यह ऐप चौथे स्थान पर दिखा रहा है। व्हाट्सऐप, फेसबुक और फेसबुक मैसेंजर के बाद।

इससे पहले कथित तौर पर पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एसके तिजारवाला ने ट्विटर पर  Kimbho ऐप के लॉन्च के बारे में ऐलान किया था। उनके मुताबिक, किंभो एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब है- आप कैसे हैं? मज़ेदार बात यह है कि एंड्रॉयड ऐप को पतंजलि कम्युनिकेशन्स द्वारा डेवलप किया गया है। वहीं, आईओएस पर अप्लाइज़ इंक को डेवलपर के तौर पर लिस्ट किया गया है।

दूसरी तरफ, इस ऐप को डाउनलोड करने वाले कई यूज़र भी निराश हुए। एक ने ट्वीट किया कि ऐप पर बार-बार सर्वर एरर दिखा रहा है। दूसरे ने दावा किया कि मैसेज भी डिलीवर नहीं हो रहे हैं।
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