चीन और अमेरिका के संबंध कई वर्षों से अच्छे नहीं हैं। कुछ साल पहले अमेरिका ने हुवावे समेत कई चीनी कंपनियों पर नकेल कसी और उन्हें चीन से बाहर अपना बिजनेस सीमित करने पर मजबूर किया। ऐसा लगता है कि अब चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीनी सरकार ने गैर-चीनी
स्मार्टफोन्स पर जो बैन लगाया था, वह अब चीन के 8 राज्यों तक पहुंच गया है। चीन ने खासतौर पर ऐपल के आईफोन और सैमसंग की गैलेक्सी डिवाइसेज को टार्गेट किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के इस कदम से ऐपल और सैमसंग के मार्केट पर असर पड़ने की संभावना है।
क्या है मामला
रॉयटर्स की
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने उसके सरकारी ऑफिसों में काम करने वाले एम्प्लॉईज को निर्देश दिया है कि वो गैर-चीनी स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल ना करें। इस बैन के तहत सीधे तौर पर आईफोन्स और गैलेक्सी डिवाइसेज को टार्गेट किया गया है। कर्मचारियों से कहा गया है कि इन डिवाइसेज को ऑफिसों में ना लेकर आएं।
दिलचस्प बात है कि चीन ने ऑफिशयली ऐसे किसी भी बैन से इनकार किया है। हालांकि सरकारी ऑफिसों में काम करने वाले लोगों से कहा जा रहा है कि वो लोकल ब्रैंड्स का इस्तेमाल करें।
चीन के इस कदम से ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट पर काफी असर पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल और सैमसंग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है और वहां आईफोन्स का काफी क्रेज है। गैलेक्सी डिवाइसेज की भी चीन में अच्छी पकड़ है। चीन के इस कदम से ऐपल के शेयरों में गिरावट आई है। चीन में आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली लोकल कंपनियों पर भी इसका असर हो रहा है।
रिपोर्ट कहती है कि चीन के छोटे शहरों में बेस्ड कंपनियां मौखिक तौर पर अपने एम्पलाईज को गैर-चीनी स्मार्टफोन्स इस्तेमाल करने से रोक रही हैं। चीन के इस कदम पर फिलहाल ऐपल ने कुछ नहीं कहा है, पर मार्केट एक्सपर्ट्स को लगता है कि इससे आईफोन्स की बिक्री में गिरावट आएगी। इसका फायदा चीनी स्मार्टफोन्स ब्रैंड्स को मिल सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि चीन में इस फैसले की प्रमुख वजह लोकल साफ्टवेयर के इस्तेमाल को बढ़ाना और घरेलू सेमीकंडक्टर चिप निर्माण को प्रोत्साहित करना है।