केंद्र सरकार की 12,000 रुपये से कम प्राइस वाले स्मार्टफोन्स की बिक्री पर रोक लगाने की योजना नहीं है। हाल ही में ऐसी अटकलें लगी थी कि चीन की स्मार्टफोन कंपनियों के 12,000 रुपये से कम के सेगमेंट में स्मार्टफोन की बिक्री करने पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और IT स्टेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने चाइनीज कंपनियों पर कम प्राइस वाले फोन बेचने से रोक लगाने की योजना पर एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने
कहा कि सरकार देश के ब्रांड्स को मजबूत करने पर विचार कर रही है। आगामी वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े इकोसिस्टम में देश की टेक
कंपनियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उनका कहना था कि सरकार ने चाइनीज मोबाइल कंपनियों से देश से एक्सपोर्ट बढ़ाने को कहा है। चंद्रशेखर ने मार्केट में किसी विशेष सेगमेंट पर बैन लगाने की किसी योजना से इनकार किया। उनका कहना था, "हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और मुझे यह नहीं पता कि यह सूचना कहां से आई थी।"
चंद्रशेखर ने देश में वैल्यू एडिशन को बढ़ाने पर एक रिपोर्ट भी जारी की है। इसमें सरकार ने कहा है कि वह अगले तीन से चार वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रोडक्शन बढ़ाकर 300 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहती है। यह आंकड़ा अभी इससे लगभग एक-चौथाई है। रिपोर्ट में एक्सपोर्ट बढ़ाने, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुफ्त व्यापार समझौतों पर कार्य करने के लिए सुझावों को भी शामिल किया गया है। सरकार एक्सपोर्ट के लिए रेगुलेटरी जरूरतों और ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट को घटाने के उपाय भी कर रही है।
पिछले कुछ वर्षों में देश के स्मार्टफोन मार्केट में चाइनीज ब्रांड्स की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसका असर देश की स्मार्टफोन कंपनियों पर पड़ा है। चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। हाल ही में इनमें से कुछ कंपनियों को टैक्स की चोरी करने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इन कंपनियों के खिलाफ टैक्स बचाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करने को लेकर जांच भी चल रही है। कुछ अन्य देशों में भी चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों पर रेगुलेटर्स ने शिकंजा कसा है। आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एपल ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई है। एपल की योजना भारत से आईफोन का एक्सपोर्ट बढ़ाने की है।
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