एक निजी कंपनी द्वारा 251 रूपये में स्मार्टफोन उपलब्ध कराने की योजना को ‘‘मेक इन इंडिया’’ की बजाय ‘‘मेक इन फ्राड’’ करार देते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इस योजना को लॉन्च करने के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पर कडा ऐतराज जताया और सरकार से इस बारे में जवाब देने को कहा।
तिवारी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘मैं सीधा आरोप लगा रहा हूं। यह सरकार एक बडा घोटाला करने जा रही है। यह सदी का सबसे बडा घोटाला होने जा रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि
फ्रीडम 251 भाजपा मार्गदर्शक मंडल की
उपस्थिति में लांच किया गया। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘वे
मेक इन इंडिया की बात करते हैं और वे क्या कर रहे हैं.फ्राड इन इंडिया।’’ उन्होंने कहा कि इस कंपनी द्वारा 251 रूपये पर उपभोक्ताओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी है और इस योजना में अभी तक करोड़ों रूपये जमा हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कंपनी के एक निदेशक ने कहा है कि एक फोन की न्यूनतम लागत 1400 रूपये आएगी। अगर ऐसी बात है तो कंपनी ने मात्र 251 रूपये में फोन उपलब्ध कराने की घोषणा कैसे कर दी।
तिवारी ने सरकार से मांग की कि इस योजना के लिए एकत्र हुए धन को अलग कर सुरक्षित रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अन्य स्मार्ट फोन 20 हजार रूपये में आ रहे हैं तो यह मोबाइल इतने कम धन में कैसे दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘या तो ये कपंनी गलत हैं या वे कंपनियां। सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए।’’ नोएडा की एक नयी कंपनी
रिंगिग बेल्स ने यह मोबाइल फोन योजना शुरू की और उसने कहा है कि उसने सरकार की मदद से इसको विकसित किया है।