दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple का तिमाही रिजल्ट अनुमान से बेहतर रहा है। कंपनी को आईफोन की सेल्स बढ़ने और भारत के साथ ही कुछ अन्य मार्केट्स में शानदार प्रदर्शन से सहारा मिला है। कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि मौजूदा तिमाही में ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन बेहतर रहेगा।
एपल की पिछली तिमाही में सेल्स लगभग 2.5 प्रतिशत घटकर 94.8 अरब डॉलर की रही। यह एनालिस्ट्स के अनुमान से बेहतर है। एनालिस्ट्स ने कंपनी की सेल्स में 4.4 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान दिया था।
एपल का प्रॉफिट 1.52 डॉलर प्रति शेयर रहा। एनालिस्ट्स ने इसके लिए 1.43 डॉलर का अनुमान दिया था। आईफोन की सेल्स 1.5 प्रतिशत बढ़कर 51.3 अरब डॉलर पर पहुंच गई। एनालिस्ट्स का अनुमान था कि इन्फ्लेशन बढ़ने के कारण खरीदारी कम होने से आईफोन की सेल्स में 3.3 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। कंपनी के अनुमान से बेहतर रिजल्ट के कारण इसका शेयर प्राइस दो प्रतिशत बढ़ गया।
कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, Luca Maestri ने कहा कि मौजूदा तिमाही में एपल का ग्रॉस मार्जिन 44 प्रतिशत से 44.5 प्रतिशत के बीच रह सकता है। एनालिस्ट्स ने इसके लिए 43.7 प्रतिशत का अनुमान दिया था। हालांकि, इसके साथ ही उनका कहना था कि मौजूदा तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू कुछ घट सकता है।
भारत से मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट पिछले फाइनेंशियल ईयर में बढ़कर 11.12 अरब डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है। इस एक्सपोर्ट में Apple की हिस्सेदारी लगभग आधी है। इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट लगभग 45,000 करोड़ रुपये का था। एपल के लिए भारत एक महत्वपूर्ण मार्केट है। देश में कंपनी की सेल्स उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा कंपनी ने भारत में
आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ाने की भी तैयारी की है। भारत में आईफोन्स की असेंबलिंग एपल के तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स - Foxconn, Wistron और Pegatron करते हैं। कंपनी की योजना देश में iPad और AirPod की असेंबलिंग भी शुरू करने की है। दुनिया के इस दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में एपल ने अपना पहला ऑनलाइन स्टोर लगभग तीन वर्ष पहले शुरू किया था। फरवरी में एशिया में Xiaomi को पीछे छोड़कर Apple दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बन गई थी।