ऐप्पल इंडिया के लिए 2015 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही कई मायने से अहम रही। कंपनी ने इस तिमाही में रिकॉर्ड नंबर में आईफोन मॉडल मार्केट में उपलब्ध कराए। यह जानकारी रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट द्वारा दी गई। अमेरिका की इस टेक्नोलॉजी कंपनी ने पिछली तिमाही में भारत में 8 लाख से ज्यादा आईफोन उपलब्ध कराए। इस लिहाज से यह ऐप्पल के लिए भारत में सबसे बेहतर तिमाही थी।
(
पढ़ें: आईफोन 6एस और आईफोन 6एस प्लस रिव्यू)
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के सीनियर टेलीकॉम विशेषज्ञ तरुण पाठक ने गैजेट्स 360 को बताया कि ऐप्पल की रिकॉर्ड आईफोन शिपमेंट के पीछे विभिन्न मॉडल पर मिल रही छूट और ईएमआई व बाइबैक स्कीम जैसे आक्रामक मार्केटिंग कैंपन की अहम भूमिका रही।
गैजेट्स 360 ने पिछले महीने ही आपको जानकारी दी थी कि ऐप्पल ने किस तरह से आईफोन 6एस और आईफोन 6एस प्लस की कीमत में अनाधिकारिक तौर पर कटौती की थी ताकि इन हैंडसेट की बिक्री को बढ़ाया जा सके।
पाठक ने यह भी दावा किया कि कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क भी बढ़ा है। आज की तारीख पांच डिस्ट्रीब्यूटर ऐप्पल के मोबाइल पूरे देश में उपलब्ध कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत उतनी अच्छी थी, लेकिन तिमाही के अंत में बिक्री में जबरदस्त तेजी देखने को मिली।
ऐप्पल ने पिछले महीने भारत में आईफोन 5एस की कीमत में कटौती की थी। इसे 25,000 रुपये से कम में उपलब्ध कराया गया था। कई जगहों पर तो यह मात्र 22,500 रुपये में मिल रहा था। 2013 में लॉन्च किए गए आईफोन 5एस की कीमत में की गई इस कटौती का असर हैंडसेट की शिपमेंट पर भी पड़ा।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च फर्म का मानना है कि 2015 की चौथी तिमाही में मिली सफलता के बाद ऐप्पल के लिए भारत एक अहम मार्केट हो गया है।