अगर आप कार ड्राइविंग करते समय व्लॉगिंग करते हैं, या वीडियो रिकॉर्ड करते हैं तो सावधान हो जाइए। कार व्लॉगिंग के खिलाफ केरल हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने केरल के मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट को निर्देश जारी किए हैं कि गाड़ी के अंदर ड्राइवर केबिन में अगर कोई व्लॉगिंग करता पाया जाता है तो उस पर चालान लगाए जाए, या भारी जुर्माना वसूला जाए। साथ ही अगर कोई व्यक्ति ड्राइवर केबिन में साथ वाली सीट पर व्लॉगिंग करता पाया जाता है तो ऐसे में भी वाहन चालक पर जुर्माना लगाने की बात कही गई है।
सोशल मीडिया के जमाने में हर कोई रील्स और व्लॉग बनाने का शौकीन हो चुका है। लेकिन केरल हाईकोर्ट ने इस प्रवृत्ति पर सख्ती दिखाई है। LiveLaw की
रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि अगर ड्राइवर कैबिन में कोई वीडियो रिकॉर्डिंग करता या व्लॉगिंग करता पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगेगा, या फिर चालान कटेगा। इसके अलावा बहुत ज्यादा मॉडिफेकशन की गई कारों के लिए चालान वसूलने का आदेश हाईकोर्ट की ओर से व्हीकल डिपार्टमेंट को जारी किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि अनधिकृत रोशनी और आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट सिस्टम जैसे मॉडिफिकेशन अवैध हैं और ऐसे वाहन AIS 008 के सेफ्टी मानकों का उल्लंघन करते हैं। साथ ही इनसे प्रदूषण में भी बढ़ोत्तरी होती है। कारों पर अवैध मॉडिफिकेशन के साथ, बसों पर अनधिकृत LED लाइटें पाए जाने पर भी जुर्माना लगेगा।
कोर्ट का कहना है कि चलती गाड़ियों, स्टेज कैरिज, भारी माल ढोने वाले व्हीकल, या अन्य व्हीकलों के ड्राइव कैबिन में वीडियो रिकॉर्डिंग करना या व्लॉगिंग खतरनाक है। इससे ड्राइवर का ध्यान भटकता है और इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। फैसले में कहा गया है कि कार चालक के साथ अगर कोई अन्य व्यक्ति भी व्लॉगिंग करता पाया जाता है तो वाहन चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 (2) के तहत कार्रवाई कर सकता है। जिसके तहत लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
कोर्ट ने एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट से कहा है कि वह
YouTube से वीडियो खंगालकर ऐसे वाहनों की पहचान करे जिन पर बहुत ज्यादा मॉडिफिकेशन की गई है। साथ ही ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।