UPI पेमेंट का चलन भारत में बिजली की तेजी से बढ़ता जा रहा है। शहर ही नहीं, छोटे कस्बों और गावों में यूजर्स धड़ल्ले से UPI पेमेंट कर रहे हैं। इसी के चलते भारत में UPI ट्रांजैक्शंस में नया रिकॉर्ड बन गया है। भारत में पहली बार बीती जनवरी में यूपीआई ट्रांजैक्शंस का आंकड़ा 16.99 अरब को पार कर गया है। यानी भारत में जनवरी में 1700 करोड़ के लगभग यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए। इन ट्रांजैक्शन की वैल्यू 23.48 लाख करोड़ रुपये बताई गई है। यह वैल्यू किसी महीने में रिकॉर्ड की गई अब तक की सबसे ज्यादा वैल्यू है।
वित्त वर्ष 2023-24 में डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में बहुत बड़ा विस्तार देखा गया।
यूपीआई (UPI) भारत के डिजिटल पेमेंट ईकोसिस्टम की आधारशिला बना हुआ है। यह देश भर में रिटेल पेमेंट्स में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के
मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में टोटल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 131 अरब को पार कर गया। इसकी वैल्यू 200 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है।
भारत के वित्त मंत्रालय के अनुसार, UPI का इस्तेमाल में आसान होना, साथ ही भाग लेने वाले बैंकों और फिनटेक प्लेटफार्म के बढ़ते नेटवर्क के कारण यूपीआई देश भर में लाखों यूजर्स के लिए रियल टाइम पेमेंट का पसंदीदा तरीका बन गया है। जनवरी के आंकड़ों की बात करें तो 80 से ज्यादा ऐप (इनमें बैंक ऐप और थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर भी शामिल हैं), 641 बैंक इस वक्त UPI के ईकोसिस्टम में लाइव हैं।
कैम्ब्रिज बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर कार्लोस मोंटेस के अनुसार, UPI के लिए अन्य देशों को भारतीय अनुभव से सीखना चाहिए। मोंटेस भारत मंडपम में NXT कार्यक्रम में भाग लेने और बोलने के लिए भारत दौरे पर हैं। इस दौरान शुक्रवार को उन्हें यूपीआई सिस्टम की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई। वर्तमान में यूपीआई 7 से अधिक देशों में उपलब्ध है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस जैसे मुख्य मार्केट शामिल हैं। जिसके चलते भारतीयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेमेंट करने की सुविधा मिलती है।