स्मार्टफोन और टेक्नोलॉजी के साथ-साथ लाइफ आसान हुई है, लेकिन इसके साथ खतरा भी बढ़ता जा रहा है। आए दिन साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिसमें लोगों की निजी जानकारी और पैसों की लूट सबसे ज्यादा हो रही है। अब स्पैम एसएमएस मैसेज के खतरे और फिशिंग अटैक को रोकने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने Reliance Jio, Bharti Airtel, Vodafone Idea (Vi) और सरकार के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड BSNL समेत सभी टेलीकॉम प्रोवाइडर्स से 1 दिसंबर से ट्रैसेबिलिटी नियम लागू करने के लिए कहा है।
TRAI के ट्रैसेबिलिटी नियम में कहा गया है कि स्पैम और फिशिंग के लिए मैसेजिंग सर्विस के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सेंडर्स के सभी मैसेज का पता लगाया जाना चाहिए। पहले टेलीकॉम रेगुलेटर ने प्रोवाइडर्स को 1 अक्टूबर 2024 तक नियम लागू करने को कहा था। बाद में इसे 1 नवंबर तक बढ़ाया गया और अब आखिरी तारीख 1 दिसंबर तय की गई है। प्रमोशनल और टेलीमार्केटिंग मैसेज के अलावा ट्रैसेबिलिटी नियम वन-टाइम-पासवर्ड (OTP) को भी प्रभावित करता है, जिसका इस्तेमाल कोई व्यक्ति ऐप तक पहुंचने और पैसे ट्रांसफर करने/अपने बैंक अकाउंट की जानकारी तक पहुंचने के लिए करता है।
TRAI इस नए नियम को क्यों लागू करना चाहता है:
TRAI के अनुसार, अनचाहे प्रोमो मैसेज, जिन्हें स्पैम के तौर पर रखा जा सकता है और साइबर स्कैमर द्वारा फिशिंग अटैक लगातार बढ़ रहे हैं, जिन पर रोक लगाई जानी चाहिए। रेगुलेटर ने चेतावनी दी है कि अक्सर इन मैसेज का इस्तेमाल स्कैमर्स द्वारा यूजर्स की निजी जानकारी जैसे ओटीपी आदि के लिए किया जाता है, जिसका इस्तेमाल उनके बैंक अकाउंट तक पहुंचने और पैसों को लूटने के लिए किया जाता है। नए नियम के साथ ओटीपी मैसेज आने में समय लग सकता है। अगर आप बैंक या फिर रिजर्वेशन आदि करने का सोच रहे हैं तो इसके लिए आपको देर से ओटीपी मिल सकता है। आपको बता दें कि ट्राई ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि स्कैमर्स फेक ओटीपी मैसेज के जरिए यूजर्स के फोन का एक्सेस पा लेते हैं और उन्हें भारी चुना लगा देते हैं।
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