Tesla ग्राहकों को जुर्माने के रूप में मिलेंगे 16,000 डॉलर, जानिएं वजह

जून 2019 में जिन लोगों ने साल 2013 और 2015 के बीच बनी टेस्ला के मॉडल-एस की कार खरीदी उनमें एक सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद अचानक से ही कार की किलोमीटर रेंज और बैटरी कैपेसिटी दोनों कम हो गईं।

Tesla ग्राहकों को जुर्माने के रूप में मिलेंगे 16,000 डॉलर, जानिएं वजह

टेस्ला ने नॉर्वे में लगभग 10 हजार Model S कारों की बिक्री की थी।

ख़ास बातें
  • 2013 और 2015 के बीच बनी टेस्ला के मॉडल-एस की कारों में थी समस्या
  • सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद आने लगी थी कार रेंज में कमी
  • टेस्ला को जुर्माने के भुगतान के लिए मिला 31 मई 2021 तक का समय
विज्ञापन
टेस्ला को अपनी कारों में सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद चार्जिंग स्पीड कम करने और बैटरी कैपेसिटी को घटाने के मामले में दोषी पाया गया है। नॉर्वे की एक कोर्ट ने यह फैसला दिया। लगभग 30 कार मालिकों ने कंपनी के खिलाफ कोर्ट में एक शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में कंपनी पर आरोप था कि उसने 2019 में सॉफ्टवेअर अपडेट के बाद कार की बैटरी लाइफ और इसकी चार्जिंग स्पीड को भी कम कर दिया। कोर्ट ने कार कंपनी टेस्ला को जुर्माने के रूप में $16,000 (लगभग 11.65 लाख रुपये) का भुगतान हर प्रभावित उपभोक्ता को करने को कहा।

जून 2019 में जिन लोगों ने साल 2013 और 2015 के बीच बनी टेस्ला के मॉडल-एस की कार खरीदी उनमें एक सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद अचानक से ही कार की किलोमीटर रेंज और बैटरी कैपेसिटी दोनों कम हो गईं। उसके बाद कंपनी ने कहा कि ऐसा बैटरी की सुरक्षा और उसकी दीर्घकालिकता को बढाने के लिए किया गया है। 16.1 और 16.2 सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद इन वाहनों में यह समस्या आनी शुरू हो गई थी।

नॉर्वे के न्यूज आउटलेट Nettavisen के मुताबिक टेस्ला ने नॉर्वे में लगभग 10 हजार Model S कारों की बिक्री की थी। इसलिए टेस्ला के लिए नॉर्वे की कोर्ट की ओर से कंपनी के खिलाफ आया ये फैसला काफी महंगा साबित हुआ है। यह फैसला 17 मई को सुनाया गया। टेस्ला को जुर्माने का भुगतान 31 मई तक करने को कहा गया है अथवा 17 जून तक दोबारा केस अपील करने को कहा गया है।

Electrek ने 2019 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद टेस्ला कार मालिकों को कार रेंज में कमी होने की समस्या सामने आ रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2016 में जो मॉडल रोक दिए गए उनमें से केवल Model S और Model X ही इस सॉफ्टवेयर अपडेट से प्रभावित हुए थे।

Forbes की एक रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला के खिलाफ इसी तरह के मुकदमे और भी कई जगह दायर किए गए हैं। 2019 में ही सामूहिक कार्रवाई का एक मुकदमा नॉर्थ कैलीफोर्निया में दायर किया गया था। इसमें कहा गया था कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद पुराने कार मॉडल्स की रेंज 40 मील तक कम हो गई। इस शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि टेस्ला ने उपभोक्ताओं के प्रति समाधान, रिपेयर और बैटरी रिप्लेस करने जैसे कानूनी दायित्वों से बचने के लिए सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ भी की थी।

अब टेस्ला के पास नॉर्वे में इस फैसले के खिलाफ अपील दर्ज करवाने के लिए कुछ हफ्तों का समय शेष है। यदि टेस्ला नॉर्वे कोर्ट के इस फैसले को चुनौती नहीं देती है तो कंपनी को लगभग 160 मिलियन डॉलर (लगभग 1,160 करोड़ रुपये) नुकसानों की भरपाई में देने होंगे।

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Operation Sindoor: ब्लैकाउट होने पर ऐसे करें स्मार्टफोन का उपयोग, ध्यान रखें जरूरी बातें
  2. भारत ने गिराया पाकिस्तान का आसमानी जासूस, जानिए क्या है AWACS सिस्टम?
  3. Apple की स्मार्टवॉच की सेल्स लगातार दूसरे वर्ष घटी, नए मॉडल की कमी बड़ा कारण
  4. Dance of the Hillary Virus: पाकिस्तान कर रहा भारतीयों पर साइबर अटैक
  5. भारत में टेस्ला के बिजनेस शुरू करने से पहले कंपनी के चीफ ने दिया इस्तीफा
  6. boAt Storm Infinity Plus स्मार्टवॉच Rs 1,199 में हुई भारत में लॉन्च, 30 दिनों के बैटरी बैकअप का दावा!
  7. Vivo X Fold5 के स्पेसिफिकेशंस लीक, लॉन्च से पहले जानें सबकुछ
  8. खुशखबरी! Vodafone Idea ने दिल्ली में 5G ट्रायल सर्विस शुरू की! जानें कितनी मिल रही स्पीड
  9. रात में इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करना होगा 30% महंगा, इस राज्य ने जारी किया नया नियम
  10. Vivo की X Fold 5 के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »