इससे पहले RBI ने भी इस तरह के ऐप्स पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे
ख़ास बातें
इन ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं
इनमें से कई ऐप चीन से जुड़े हैं
आसान शर्तों पर लोन की पेशकश करने वाले ये ऐप्स फ्रॉड का बड़ा जरिया हैं
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में गैर कानूनी लोन और बेटिंग ऐप्स से धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। इन ऐप्स पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने टेक कंपनियों को गैर कानूनी लोन और बेटिंग ऐप्स को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को ब्लॉक करने के लिए कहा है।
इसे लेकर मिनिस्ट्री ने एक एडवाइजरी जारी की है। इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी इस तरह के ऐप्स पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। मिनिस्ट्री की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, "इंटरमीडियरीज और प्लेटफॉर्म्स को स्कैम और यूजर्स को भ्रमित करने की आशंका वाले गैर कानूनी लोन और बेटिंग ऐप्स के विज्ञापनों की अनुमति नहीं देने के लिए अतिरिक्त उपाय करने चाहिए।"
इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल से जाली वीडियो बनाकर वायरल करने को लेकर भी सरकार ने रवैया सख्त किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने सोशल मीडिया और अन्य इंटरमीडियरीज को मौजूदा IT नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए कहा है। स्टेट मिनिस्टर फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी Rajeev Chandrasekhar ने बताया कि इसे लेकर एक औपचारिक एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें उन प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई है जो यह सुनिश्चित करती हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स रूल 3 (1) (b) के तहत प्रतिबंधित कंटेंट का उल्लंघन न करें। उन्होंने कहा, "अगर ऐसे उल्लंघनों की जानकारी या रिपोर्ट मिलती है तो कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी।" उनका कहना था कि मिनिस्ट्री इन रूल्स के इंटरमीडियरीज की ओर से पालन की कड़ी निगरानी करेगी।
इस एडवाइजरी में कहा गया है कि यूजर्स को उस कंटेंट की स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए जिसकी IT रूल्स के तहत अनुमति नहीं दी गई है। पिछले महीने Facebook और YouTube को डीपफेक्स को लेकर केंद्र सरकार ने चेतावनी दी थी। फेसबुक और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह बताया गया था कि देश के कानून के तहत डीपफेक्स और ऐसे कंटेंट पोस्ट करने पर प्रतिबंध है जो अश्लीलता या गलत जानकारी फैलाता है। एक मीटिंग में इन कंपनियों को यह चेतावनी दी गई थी। इस बारे में चंद्रशेखर ने कहा था कि बहुत सी सोशल मीडिया कंपनियों ने पिछले वर्ष लागू किए गए रूल्स के बावजूद अपने यूजर्स के लिए नियम और शर्तें अपडेट नहीं की है।