देश की सबसे बड़ी IT सर्विसेज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने कहा है कि डुअल एंप्लॉयमेंट कंपनी की पॉलिसी के खिलाफ है। एंप्लॉयी के दो जगह जॉब करने को 'मूनलाइटिंग' कहा जाता है। लगभग दो महीने पहले फूड ऑर्डिंग प्लेटफॉर्म Swiggy के अपने स्टाफ को कुछ पाबंदियों के साथ बाहरी प्रोजेक्ट्स पर काम करने की अनुमति देने के बाद मूनलाइटिंग का मुद्दा सामने आया था।
TCS के HR प्रमुख, Milind Lakkad ने कहा, "हमारा मानना है कि मूनलाइटिंग नैतिकता से जुड़ा एक मुद्दा है और यह कंपनी के मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है। मैं पूरी IT इंडस्ट्री के बारे में बात नहीं कर रहा, मैं
TCS के नजरिए से कह रहा हूं। हमने एंप्लॉयीज को इसकी जानकारी दी है।" इस बारे में कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव, Rajesh Gopinathan का कहना था, "यह हमारे एंप्लॉयी कॉन्ट्रैक्ट में लिखा है कि आपको एक अन्य एंप्लॉयर के लिए काम करने की अनुमति नहीं है।" कंपनी का मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर 10,431 करोड़ रुपये रहा है। TCS ने 8 रुपये प्रति शेयर का इंटरिम डिविडेंड देने की भी घोषणा की है।
हाल ही में एक अन्य IT कंपनी Wipro ने अपने 300 एंप्लॉयीज को कंपनी के साथ ही इसके कॉम्पिटिटर्स में से किसी एक के साथ काम करने के कारण जॉब से निकाल दिया था। एंप्लॉयीज के एक साथ दो कंपनियों के लिए काम करने को
मूनलाइटिंग कहा जाता है। Wipro के चेयरमैन Rishad Premji ने कहा कि मूनलाइटिंग कंपनी की पॉलिसी का बड़ा उल्लंघन है।
प्रेमजी का कहना था, "कुछ लोग विप्रो के साथ ही हमारे कॉम्पिटिटर्स में से एक के साथ सीधे काम कर रहे हैं और हमने पिछले कुछ महीनों में ऐसे 300 एंप्लॉयीज का पता लगाया है।" उन्होंने बताया कि इन एंप्लॉयीज को कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण टर्मिनेट किया गया है। मूनलाइटिंग का मतलब गुपचुप तरीके से एक अन्य जॉब करना होता है। प्रेमजी ने कहा, "ट्रांसपैरेंसी के तौर पर लोग वीकेंड पर एक बैंड का हिस्सा बनने या एक प्रोजेक्ट पर काम करने के बारे में जानकारी दे सकते हैं। यह एक खुली बातचीत है और व्यक्ति इसका फैसला कर सकता है कि यह ठीक है या नहीं।"