Tata Motors को दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) की ओर से 1500 इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया गया है, कंपनी ने इसका खुलासा शुक्रवार को किया है। Tata Motors को यह ऑर्डर कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज (CES) के टेंडर के हिस्से के रूप में दिया गया है।
ऑर्डर से संबंधित एक बयान में कंपनी ने कहा है कि वह 12 साल तक 12 मीटर लंबी और पूरी तरह से बनी इलेक्ट्रिक बसों को सप्लाई करेगी, ऑपरेट करेगी और उनका रखरखाव भी करेगी।
टाटा मोटर्स में बसों की प्रोडक्ट लाइन के वॉइस प्रेजिडेंट रोहित श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, "बसों की डिलीवरी DTC के साथ हमारी भागीदारी को और मजबूत करेगी और एनवायरमेंट फ्रेंडली परिवहन में दिल्ली शहर की मदद करेगी। हम भारत में मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने और साथ ही भविष्य के व्हीकल्स को टिकाऊ डिजाइन के साथ पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
मुंबई स्थित टाटा मोटर्स ने अब तक भारत के विभिन्न शहरों में 650 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई की है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज सेमवाल ने कहा कि एनवायरमेंट फ्रेंडली बसों को ट्रांसपोर्ट सिस्टम में शामिल करना बड़े स्तर पर वायु प्रदूषण को कम करेगा और लाखों लोगों को इससे फायदा होगा।
Convergence Energy Services (CESL) के MD और CEO माहुआ आचार्य ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों में स्विच करने को लेकर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा, "हम भाग्यशाली हैं कि हमें इसका फायदा मिल रहा है और हम टाटा मोटर्स की उदार भागीदारी के लिए उनके आभारी हैं।"
हाल ही में टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में ये घोषणा की थी कि कंपनी इस वित्त वर्ष में 31 मार्च तक 50 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) बेचने का लक्ष्य रखती है, और इस आंकड़े को 2023-24 में दोगुना करने का टारगेट है। 2021-22 में टाटा मोटर्स ने 19,105 Evs की सेल की थी। जलवायु में बदलाव और कार्बन की मात्रा घटाने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य में इलेक्ट्रिफिकेशन एक आधारशिला है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स भारत में इसके तेल के आयात के बिल को कम करने और बड़े शहरों में वायु प्रदूषण को घटाने के लिए बड़े मददगार के रूप में देखे जा रहे हैं।