Zoho फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने कहा कि अमेरिका में बिना डिग्री हायरिंग बढ़ रही है। कॉलेज स्किप कर स्किल-बेस्ड जॉब लेना नया ट्रेंड बन रहा है।
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Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने एक दिलचस्प बात उठाई है, जो आजकल अमेरिका में तेजी से ट्रेंड कर रही है। उनका कहना है कि वहां कई स्मार्ट स्टूडेंट अब कॉलेज जाने की बजाय सीधे काम शुरू कर रहे हैं और कुछ बड़ी टेक कंपनियां भी उन्हें ऐसा करने में सपोर्ट कर रही हैं। Palantir के 2025 Meritocracy Fellows प्रोग्राम का उदाहरण देते हुए वेम्बू ने बताया कि 500 आवेदकों में से 22 हाई-स्कूल ग्रेजुएट्स को सीधे पेड टेक रोल्स मिल गए, वो भी बिना किसी कॉलेज डिग्री के। अमेरिका में बढ़ती ट्यूशन फीस, जो करीब 36,000 डॉलर सालाना है, इस बदलाव का बड़ा कारण मानी जा रही है।
वेम्बू ने X पर लिखा, “अमेरिका के होशियार स्टूडेंट अब कॉलेज स्किप कर रहे हैं और आगे सोचने वाली कंपनियां भी उन्हें सपोर्ट कर रही हैं। यह एक बड़ा सांस्कृतिक बदलाव बनने वाला है।” वेम्बू का तर्क है कि डिग्री के चक्कर में लोन लेने की बजाय युवा सीधे स्किल्स सीख पा रहे हैं, जिससे असली ग्रोथ होती है। उनके शब्दों में, “यही असली यूथ पावर है।” उनका मानना है कि यह ट्रेंड आगे चलकर संस्कृति और पॉलिटिक्स तक को प्रभावित कर सकता है।
वेम्बू ने भारतीय पैरेंट्स, स्कूल स्टूडेंट्स और कंपनियों को भी इस मॉडल की तरफ ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने Zoho की हायरिंग पॉलिसी का जिक्र करते हुए बताया कि कंपनी में किसी भी रोल के लिए कॉलेज डिग्री जरूरी नहीं है। उन्होंने लिखा, “Zoho में किसी जॉब के लिए डिग्री की जरूरत नहीं होती। अगर कोई मैनेजर डिग्री मांग ले, तो HR उसे हटाने के लिए मैसेज भेज देता है।”
उन्होंने तेनकासी में मौजूद अपनी टेक टीम का भी जिक्र किया, जिसकी मीडियन उम्र सिर्फ 19 साल है। वेम्बू ने लिखा, “तेनकासी में मैं एक बेहद युवा टीम के साथ काम करता हूं। उनका एनर्जी लेवल और ‘कर लेंगे' वाला एटिट्यूड इतना हाई है कि मुझे भी उनके साथ तालमेल बैठाने में मेहनत करनी पड़ती है।” Zoho का कहना है कि यह नो-डिग्री मॉडल 2013 से चल रहा है और इसी वजह से इतनी युवा टीम भी बड़े प्रोजेक्ट्स को संभाल लेती है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका में कई स्टूडेंट अब कॉलेज की बजाय सीधे स्किल-बेस्ड जॉब्स चुन रहे हैं।
यह एक प्रोग्राम है जिसमें हाई-स्कूल ग्रेजुएट्स को बिना डिग्री पेड टेक रोल्स में रखा गया।
उनका कहना है कि इससे युवा कर्ज से बचते हैं और रियल स्किल्स जल्दी सीखते हैं।
Zoho में किसी भी जॉब के लिए कॉलेज डिग्री की जरूरत नहीं होती; HR डिग्री डिमांड को हटवा देता है।
उन्होंने कहा कि भारत को भी इस ट्रेंड को समझकर स्किल-बेस्ड करियर ऑप्शंस पर ध्यान देना चाहिए।
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