Online Fraud: 17% लोग मोबाइल में सेव रखते हैं बैंक पासवर्ड! 1 मिनट में हो सकता है चोरी- सर्वे

Local Circles ने फाइनेंशिअल फ्रॉड से जुड़ा एक सर्वे जारी कर कहा है कि 17% लोग अपने पासवर्ड्स को मोबाइल फोन में सेव करके रखते हैं।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 13 अप्रैल 2023 09:13 IST
ख़ास बातें
  • साइबर फ्रॉड के माध्यम से फाइनेंशिअल फ्रॉड इन दिनों जोरों पर है।
  • 17% लोग अपने फाइनेंशिअल पासवर्ड अपने मोबाइल फोन में सेव करके रखते हैं।
  • (AI) के माध्यम से 50% पासवर्ड्स आसानी से हो सकते हैं क्रैक।

9% लोग संवेदनशील पासवर्ड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में सेव रखते हैं।

साइबर फ्रॉड के माध्यम से फाइनेंशिअल फ्रॉड इन दिनों जोरों पर है। आए दिन ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। इसी संबंध में लोकल सर्कल ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। सर्वे कंपनी ने एक सर्वे जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 17% लोग अपने फाइनेंशिअल पासवर्ड अपने मोबाइल फोन में सेव करके रखते हैं। ये पासवर्ड मोबाइल कॉन्टेक्ट्स या नोट्स के रूप में स्टोर किए जाते हैं, जिससे कि फाइनेंशिअल फ्रॉड का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। 

सर्वे कंपनी Local Circles ने फाइनेंशिअल फ्रॉड से जुड़ा एक सर्वे जारी कर कहा है कि 17% लोग अपने पासवर्ड्स को मोबाइल फोन में सेव करके रखते हैं। इनमें से 8% का कहना है कि वे जानकारी को मोबाइल फोन में नोट्स बनाकर सेव करते हैं, जबकि 9% संवेदनशील पासवर्ड फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में सेव रखते हैं। सर्वे में ये भी कहा गया है कि 30% लोग अपने संवेदनशील फाइनेंशिअल पासवर्ड्स को अपने फैमिली मेंबर्स या स्टाफ आदि के साथ शेयर करते हैं। 

यहां पर 88% लोगों ने कहा है कि उन्होंने कई तरह के कामों जैसे एप्लीकेशन, आईडी प्रूफ या बुकिंग्स आदि के लिए अपना आधार कार्ड शेयर किया हुआ है। रिपोर्ट कहती है कि इस डेटाबेस तक आसानी से पहुंचा जा सकता है और आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से इनमें से 50% पासवर्ड्स को 1 मिनट के भीतर आसानी से क्रैक किया जा सकता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति का फोन चोरी हो जाता है तो उसके साथ आसानी से इस तरह की ठगी को अंजाम दिया जा सकता है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारतीयों के लिए फाइनेंशिअल फ्रॉड का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। 

हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी अप्रैल-सितंबर 2022 की रिपोर्ट भी पेश की है। अवधि के दौरान इस रिपोर्ट में फाइनेंशिअल फ्रॉड की 5406 घटनाएँ बताई गई हैं। वहीं, पिछले साल इसी अवधि के दौरान ऐसी घटनाओं की संख्या 4069 थी। RBI का कहना है कि अब होने वाले फ्रॉड में इंटरनेट आधारित ट्रांजैक्शनों का सबसे ज्यादा सहारा लिया जा रहा है। यहां ये भी कहा गया है कि घटनाओं की ये संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कुछ लोग इन घटनाओं के बारे में जानकारी नहीं देते हैं, या फिर पुलिस द्वारा भी इन घटनाओं की जानकारी नहीं दी जाती है, क्योंकि वे इन्हें गंभीरता से नहीं लेते हैं। 

Local Circles का ये सर्वे 32 हजार लोगों द्वारा दी गई प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। जो कि भारत के 337 जिलों से शामिल किए गए थे। इनमें से 35% महिलाएं थीं जबकि 65% पुरुष थे। प्रतिक्रिया देने वाले 43% लोग टिअर जिलों से थे, वहीं टिअर 2 जिलों से 36% लोग थे। टिअर 3 और 4 जिलों से 27% लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया था।
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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