भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की संख्या में तेजी से ग्रोथ देखी गई है। केंद्र और राज्यों सरकारों ने कई प्रोत्साहन प्रोग्राम लागू किए हैं जिन्होंने देश को ईवी के इस्तेमाल को बढ़ाया है। हालांकि भारत सरकार ने बैटरी पैक पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का एक और शानदार फैसला लिया है। इसका मतलब है कि कारों के लिए जीएसटी से 13 प्रतिशत घटाया जा रहा है, चाहे वे बैटरी से लैस हों या नहीं। जी हां इस समय देश और दुनिया में सभी जगह पेट्रोल पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और इस्तेमाल दोनों पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में देश की सरकार कंपनियों के लिए रोजगार के अवसर और नागरिकों के लिए सहूलियत को सस्ते में उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाती रहती हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन और डिमांड में इजाफा होगा
भारत सरकार द्वारा जीएसटी पर इतनी बड़ी रियायत देने का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन और डिमांड को और बढ़ाना है। भारतीय वित्त मंत्रालय ने स्टेटमेंट में कहा कि जीएसटी दर में कटौती का फैसला बीते महीने जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया गया था। ईवी निर्माता और विस्तार से भारतीय ग्राहक ईवी बैटरी टैक्स में कटौती का लाभ पाएंगे। एक इलेक्ट्रिक वाहन का बैटरी पैक उसकी लागत का 50 प्रतिशत तक होता है।
सरकार पहले भी ले चुकी है टैक्स घटाने का फैसला
आपको बता दें कि देश की सरकार ने जीएसटी में कटौती का यह फैसला पहली बार नहीं लिया है। जी हां यह दूसरी बार है जब भारत सरकार पिछले 4 सालों में जीएसटी दर में कमी कर रही है। 2018 में इसे 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। इसने ईवी निर्माताओं को भारत में शॉप खोलने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया थता। भारत में बीते दो सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और सेल्स दोनों में ग्रोथ देखी गई है। इस फैसले से रिन्युअल एनर्जी व्हीकल्स और लोअर कार्बन फुटप्रिंट के लिए मार्केट को और बढ़ावा करेगा। इस फैसले के ट्रिकल-डाउन बेनिफिट्स भारत में ईवी इकोसिस्टम में क्षमता और मांग को बढ़ा सकते हैं।
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