जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपनी मर्सिडीज बेंज ने भारत के लग्जरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट में टॉप पोजिशन हासिल करने की योजना बनाई है। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर Tesla की देश में मौजूदगी नहीं होने का मर्सिडीज को फायदा मिलेगा। इस वर्ष कंपनी तीन इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करेगी।
भारत में मर्सिडीज के बिजनेस हेड Martin Schwenk ने Reuters को
बताया कि कंपनी एक लग्जरी EV को असेंबल करने के साथ ही देश भर में फास्ट चार्जिंग नेटवर्क भी शुरू करेगी। यह देश में बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर सकती है। Martin ने कहा, "हम EV मार्केट में आक्रामक तरीके से शुरुआत कर रहे हैं। अगले पांच वर्षों में देश में हमारी बिक्री का लगभग 25 प्रतिशत EV से मिलेगा। हमारी महत्वाकांक्षा इलेक्ट्रिक सेगमेंट में आगे रहने की है।"
टेस्ला ने इम्पोर्ट ड्यूटी अधिक होने के कारण भारत में बिजनेस शुरू करने की योजना टाल दी है। इसका फायदा मर्सिडीज को मिल सकता है।
मर्सिडीज अपनी AMG EQS 53 4MATIC परफॉर्मेंस कार के इम्पोर्ट किए जाने वाले इलेक्ट्रिक मॉडल के साथ देश के लग्जरी EV मार्केट में शुरुआत करेगी। इसका प्राइस लगभग 2.45 करोड़ रुपये होगा। इस कार की सिंगल चार्ज में 580 किलोमीटर तक की रेंज होगी। इसके बाद S-क्लास सेडान EQS का स्थानीय स्तर पर असेंबल किया जाने वाला इलेक्ट्रिक वर्जन लॉन्च किया जाएगा। इस वर्ष के अंत में कंपनी एक अन्य इम्पोर्टेड कार लॉन्च करेगी। भारत में स्मॉल और कम प्राइस वाली कारों की अधिक बिक्री होती है। इस मार्केट में लग्जरी कारों की हिस्सेदारी लगभग एक प्रतिशत की है। मर्सिडीज को अपनी कार के इलेक्ट्रिक वर्जन की लोकल असेंबलिंग करने पर कम टैक्स का फायदा मिलेगा। देश में बने EV पर टैक्स 5 प्रतिशत और इम्पोर्टेड कारों पर लगभग 100 प्रतिशत है।
Martin ने कहा कि कम टैक्स से कस्टमर्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने का एक बड़ा इंसेंटिव मिल रहा है। रेंज को लेकर आशंकाओं को कम करने के लिए मर्सिडीजइस वर्ष के अंत तक बहुत से शहरों में लगभग 140 EV चार्जर लगाएगी। इनमें अल्ट्रा-फास्ट चार्जर शामिल होंगे, जो 40 मिनट में लगभग 80 प्रतिशत चार्ज कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि अगर उसकी किसी मॉडल की बिक्री हजारों यूनिट्स तक पहुंचती है तो वह इन कारों के लिए बैटरी और अन्य कंपोनेंट्स की देश में मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार करेगी। मर्सिडीज ने इंटरनेशनल मार्केट के लिए EV बैटरीज डिवेलप करने में 2030 तक 40 अरब यूरो से अधिक का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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