देश में सेमीकंडक्टर बनाने की योजना को झटका, फॉक्सकॉन ने तोड़ा वेदांता के साथ JV

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में देश की स्थिति मजबूत करने के लिए चिप मैन्युफैक्चरिंग को प्रायरिटी दी है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 10 जुलाई 2023 19:33 IST
ख़ास बातें
  • पिछले वर्ष दोनों कंपनियों ने ज्वाइंट वेंचर बनाया था
  • सेमीकंडक्टर का प्लांट गुजरात में लगना था
  • सेमीकंडक्टर्स की कमी से बहुत सी इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है

इससे चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए विदेशी इनवेस्टर्स को लाने में मुश्किल हो सकती है

भारत में सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग की योजना को एक बड़ा झटका लगा है। ताइवान की Foxconn ने मेटल्स से लेकर ऑयल तक के बिजनेस से जुड़ी Vedanta के साथ 19 अरब डॉलर से अधिक के सेमीकंडक्टर के ज्वाइंट वेंचर को तोड़ दिया है। बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में शामिल फॉक्सकॉन और वेदांता ने पिछले वर्ष गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए एग्रीमेंट किया था। 

फॉक्सकॉन की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है, "फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ ज्वाइंट वेंचर में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है।" कंपनी ने बताया कि उसने इस ज्वाइंट वेंचर को लेकर वेदांता के साथ एक वर्ष से अधिक तक कार्य किया था। हालांकि, दोनों कंपनियों ने आपसी सहमति से इस ज्वाइंट वेंचर को समाप्त करने का फैसला किया है। फॉक्सकॉन ने बताया कि इसमें वेदांता की अब पूरी हिस्सेदारी होगी। इस बारे में देश की IT मिनिस्ट्री और वेदांता को टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं मिला है। iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की फॉक्सकॉन सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में देश की स्थिति मजबूत करने के लिए चिप मैन्युफैक्चरिंग को प्रायरिटी दी है। हालांकि, फॉक्सकॉन के इस वेंचर से पीछे हटने से देश में चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए विदेशी इनवेस्टर्स को लाने में मुश्किल हो सकती है। हाल ही में अमेरिकी मेमोरी चिप मेकर Micron Technology ने बताया था कि वह गुजरात में चिप असेंबली और टेस्टिंग फैक्टरी लगाने में 82.5 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करेगी। यह देश में कंपनी की पहली फैक्टरी होगी। 

Micron ने बताया था कि केंद्र सरकार और गुजरात सरकार के सहयोग से इस फैक्टरी में 2.75 अरब डॉलर का कुल इनवेस्टमेंट होगा। इसमें से 50 प्रतिशत केंद्र सरकार और 20 प्रतिशत गुजरात सरकार की ओर से मिलेगा। इस फैक्टरी का कंस्ट्रक्शन इस वर्ष शुरू होने की संभावना है और इसका पहला फेज अगले वर्ष के अंत तक शुरू हो सकता है। इस प्रोजेक्ट से लगभग 5,000 जॉब्स मिलेंगी। इस प्रोजेक्ट के लिए बड़े इंसेंटिव की वजह से मंत्रिमंडल से इसे स्वीकृति मिलने की जरूरत थी। अमेरिकी सरकार चिप बनाने वाली कंपनियों को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। 
 
 

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