जर्मन एयरलाइन Lufthansa के एक हालिय बयान ने Apple AirTags इस्तेमाल करने वालों को दुविधा में डाल दिया था, जहां कंपनी ने कहा था कि लुफ्थांसा ने लगेज (बैग) के साथ ऐप्पल एयरटैग ले जाने पर बैन लगाया, क्योंकि ट्रैकिंग डिवाइस 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। हालांकि, एक लेटेस्ट रिपोर्ट का कहना है कि लुफ्थांसा ने एयरटैग को बैन नहीं किया है, बल्कि एयरलाइन ने डिवाइस को लेकर चेतावनी दी है। Lufthansa का कहना था कि ICAO गाइडलाइन्स के अनुसार, बैगेज ट्रैकर 'खतरनाक' सामान में आते हैं और उनके ट्रांसमिशन फंक्शन के चलते ट्रैकर को फ्लाइट के दौरान बैगेज में निष्क्रिय रखना जरूरी है।
हाल ही में एक व्यक्ति ने ट्विटर पर Lufthansa से पूछा था कि क्या चैक्ड बैगेज में Apple AirTag ले जाने पर बैन है, जिसके उत्तर में
एयरलाइन ने कहा कि एक्टिव एयरटैग 'खतरनाक' श्रेणी में आता है, इसलिए एयरलाइन इसे प्रतिबंधित कर रही है और इसे बंद करने की आवश्यकता है। हालांकि, अब कंपनी ने इस पर सफाई दी है। Airways Magazine के
अनुसार, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि उसने एयरटैग्स को अपनी उड़ानों से प्रतिबंधित नहीं किया है।
लुफ्थांसा के प्रवक्ता ने मैगजीन को बताया कि एयरटैग्स पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कंपनी ने यह भी साफ किया है कि ऐसे डिवाइस पर ICOA की गाइडलाइन्स बनी हुई है, लेकिन इसका लुफ्थांसा या किसी अन्य एयरलाइन से कोई लेना-देना नहीं है।" लुफ्थांसा ने पहले कहा था कि ICOA (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) की गाइडलाइन्स में कहा गया है कि किसी
फ्लाइट के दौरान ट्रांसमिशन फंक्शन वाली वस्तुओं को निष्क्रिय किया जाना चाहिए।
ICOA के पास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के संबंध में जो गाइडलाइन्स हैं, वे मुख्य रूप से लिथियम आयन बैटरी वाले डिवाइस तक ही सीमित हैं। दूसरी ओर, AirTag में CR2032 बैटरी शामिल है, जो पारंपरिक घड़ियों में भी पाई जाती है।
AirTag
उड़ान के दौरान लगेज को ट्रैक करने के लिए एक उपयोगी डिवाइस है, क्योंकि अकसर देखा गया है कि एयरपोर्ट में कई बार लोगों का लजेग या तो खो जाता है, या अन्य यात्रियों के साथ बदल जाता है। ऐसी स्थिति में यूजर अपने लगेज को ट्रैक कर सकता है।