ऐपल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) को भारत और यहां की संस्कृति से काफी लगाव था। दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स इस महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में प्रयागराज में पहुंची हैं। कुंभ में उन्हें “कमला” नाम दिया गया है। अब ऐपल के को-फाउंडर का हाथ से लिखा एक लेटर चर्चाओं में है। रिपोर्ट के अनुसार, 1974 में लिखे गए लेटर में स्टीव जॉब्स के कुंभ मेले में शामिल होने के लिए भारत आने की योजना का उल्लेख है। हाल ही में यह लेटर 5 लाख 312 डॉलर (करीब 4.32 करोड़ रुपये) में नीलाम किया गया था।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, यह लेटर स्टीव जॉब्स ने अपने 19वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को संबोधित करते हुए लिखा। लेटर में जॉब्स ने जैन धर्म को लेकर अपने विचार साझा किए हैं और कुंभ मेले के लिए भारत आने की बात कहते हैं।
लेटर में स्टीव जॉब्स ने लिखा था, ‘मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊंगा, अभी तक फैसला नहीं लिया है।' लेटर के आखिर में ‘शांति' लिखा है, जो दर्शाता है कि स्टीव जॉब्स हिंदू धर्म से काफी प्रेरित थे।
रिपोर्ट के अनुसार, स्टीव जॉब्स ने पहले उत्तराखंड में नीम करोली बाबा के आश्रम में जाने की योजना बनाई थी। नैनीताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि नीम करोली बाबा की मौत हो गई है। हालांकि जॉब्स ने हिम्मत नहीं हारी और कैंची धाम में आश्रम में रहे और नीम करोली बाबा की शिक्षाओं से उन्हें सांत्वना मिली। उन्होंने भारत में सात महीने बिताए और पूरी तरह से यहां की संस्कृति और आध्यात्मिकता में डूब गए।
अमेरिका लौटने पर स्टीव जॉब्स काफी बदल गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, उनके माता-पिता तक उन्हें पहचान नहीं पाए। जॉब्स का सिर मुंडा हुआ था। वह भारतीय सूती वस्त्रों में थे। धूप के कारण उनकी स्किन गहरी, चॉकलेटी हो गई थी।