सरकार द्वारा 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बैन किए जाने के बाद कई कदम उठाए गए। एक ही व्यक्ति द्वारा पुरानी करेंसी को कई बार एक्सचेंज को रोकने के लिए सरकार ने बैंकों को इंक लगाने का आदेश दिया। और इसके बाद गूगल पर 'इनडेलिबल इंक रिमूवल' को लेकर सबसे ज्यादा सर्च किया गया। बैंकों को इनडेलिबल इंक इस्तेमाल करने को कहा गया है। आमतौर पर इस इंक का इस्तेमाल चुनाव में वोट डालने के समय लोगों को मार्क करने के लिए किया जाता है।
इससे पहले गूगल पर 'हाउ टू कनवर्ट ब्लैक मनी टू व्हाइट मनी'
ट्रेंड किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ने कालेधन के खात्मे के चलते आठ नवंबर को ऐलान किया था कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट करेंसी के तौर पर स्वीकार नहीं किए जाएंगे। और अब लगता है लोग इनडेलिबल इंक को हटाने के तरीके खोजने के लिए गूगल पर लगातार सर्च कर रहे हैं।
गूगल ट्रेंड्स डेटा के मुताबिक, 'indelible ink removal' सर्च में बढ़ोतरी 15 नवंबर को देखी गई। इसी दिन से बैंकों ने इंक का इस्तेमाल शुरू किया था। दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र उन प्रदेशों में शामिल हैं जहां लोग इस स्याही को हटाने के तरीके सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। गूगल के डेटा के अनुसार, मुंबई और दिल्ली इन तरीकों को सर्च करने में लगभग बराबर रहे जबकि उसके बाद बेंगलूरु के लोगों ने सबसे ज्यादा इन तरीकों को सर्च किया।
बैंकों को सलाह दी गई है कि वे करेंसी बदलने वाले लोगों के दाहिने हाथ में इंक से मार्क करें। बता दें कि चुनाव में वोटिंग में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वोटरों के बांये हाथ में इंक लगाई जाती है। इस इंक को हटाने का तरीका खोजने का उद्देश्य साफतौर पर फर्जीवाड़ा ही होता है लेकिन इस इंक को हटाना आसान काम नहीं है।
चुनाव आयोग ने इनडेलिबल इंक के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की है क्योंकि उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कई राज्यों में चुनाव शुरू होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि इनडेलिबल इंक के इ्स्तेमाल से किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ना चाहिए।