Google for India 2018 इवेंट का आयोजन आज नई दिल्ली में हुआ। गूगल फॉर इंडिया 2018 इवेंट के दौरान कंपनी ने नेक्स्ट बिलियन यूजर नेतृत्व के तहत प्रोजेक्ट नवलेखा की घोषणा की है। Google for India 2018 इवेंट में कई बड़े ऐलान हुए, कंपनी ने
Google Tez के नाम में भी बदलाव दिया है। गूगल तेज का नाम बदलकर Google Pay कर दिया गया है। गूगल का प्रोजेक्ट नवलेखा खासतौर पर क्षेत्रीय भाषा में कंटेंट लिखने वाले पब्लिशर्स की मदद करेगा ताकि वह अपने कंटेंट को ऑनलाइन पब्लिश कर सकें।
Google ने ट्विटर पर
ट्वीट करते हुए कहा कि अंग्रेजी की तुलना में भारतीय भाषा में कंटेंट केवल 1 प्रतिशत है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि क्षेत्रीय भाषा के पब्लिशर को इंटरनेट पर कंटेंट ले जाने के लिए काफी मुश्किल प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है। गूगल के प्रोजेक्ट Navlekha के तहत आसान ऐप्लिकेशन प्रोसेस की मदद से वेबपेज बना सकेंगे। गूगल के भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के वाइस प्रेजिडेंट राजन आनंदन ने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि नवलेखा शब्द संस्कृत से लिया गया है। Navlekha का मतलब है 'लिखने का एक नया तरीका'।
ध्यान दें कि प्रोजेक्ट Navlekha जल्द हिंदी पब्लिकेशन के लिए उपलब्ध होगा। इच्छुक यूजर गूगल के
नवलेखा पेज पर जाकर फ्री पब्लिकेशन वेबसाइट के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। गूगल के Navlekha प्रोग्राम से जुड़ने के लिए सबसे पहले साइन-अप करें। इसके बाद Google की टीम आपके ऐप्लिकेशन को रिव्यू कर आपसे संपर्क में रहेगी। पंजीकृत भारतीय पब्लिकेशन भी वेबपेज पर जाकर साइन-अप कर सकते हैं। साइन-अप करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिलती रहेगी कि अन्य भाषाओं को कब जोड़ा जाएगा।
Google ने दावा किया भारत में 135,000 प्रिंट पब्लिशर्स में से 90 प्रतिशत ऐसे हैं जिनकी खुद की वेबसाइट नहीं है।गूगल के नए प्रोजेक्ट के तहत कंपनी का यही उद्देश्य है कि वह ऑफलाइन पब्लिशर्स को इतना समर्थ बनाए कि वह अपने कंटेंट को ऑनलाइन लेकर आ सकें। गूगल का प्रोजेक्ट नवलेखा पब्लिशर्स को सुंदर वेबपेज, ब्रांड डोमेन पर अनलिमिटेड फ्री होस्टिंग और AdSense सपोर्ट मिलेगा। गूगल ने कहा कि पब्लिशर्स को ट्रेनिंग और सपोर्ट भी मिलेगा।
गौर करने वाली बात यह है कि Google एक वेबसाइट को सेटअप करने के लिए विशेषज्ञ सहायता प्रदान करेगा। इसके लिए किसी भी तरह के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। कंपनी ने कहा कि हम आपकी सहायता करेंगे ताकि आप अपने कंटेंट को ऑनलाइन ला सकें। गूगल ने कहा कि हम पब्लिकेशन टूल और डोमेन (नाम) के लिए पहले तीन वर्षों के लिए शुल्क नहीं लेंगे।