प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल को उम्मीद है कि वह जल्द ही प्रोजेक्ट लून को भारत ला पाएगी। इससे लाखों लोगों को सस्ते मूल्य पर इंटरनेट उपलब्ध हो सकेगा। हालांकि, सरकार का विचार है कि यह परियोजना मोबाइल आपरेटरों के सेल्युलर ट्रांसमिशन में हस्तक्षेप करेगी।
'गूगल फॉर इंडिया' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचई ने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट लून के तहत आकाश में ‘गुब्बारे’ छोड़े जाएंगे जिससे ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचा जा सके।’’ इसी बारे में गूगल की उपाध्यक्ष (रणनीतिक पहुंच एवं उदीयमान बाजार) मारियन क्रोक ने कहा कि कंपनी दुनिया भर में नए इंटरनेट ढांचे के निर्माण और उसे लगाने को लेकर काफी इच्छुक है। ‘‘हमारे पोर्टफोलियो में जो प्रौद्योगिकियां हैं उनमें प्रोजेक्ट लून शामिल है। इस परियोजना के तहत हम दुनियाभर में स्थानीय दूरसंचार आपरेटरों के साथ काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हम इस ऊंचाई वाले इन गुब्बारों का परीक्षण कर रहे हैं, जो एक प्रकार से हवा में तैरते मोबाइल टावरों की तरह काम करेंगे। यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद को हाल में बताया था कि गूगल लून परियोजना देश के मोबाइल आपरेटरों के सेल्युलर ट्रांसमिशन में हस्तक्षेप करेगी।
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