भरतनाट्यम शैली की जानी-मानी नृत्यांगना रूक्मणी देवी अरूंडेल के 112वें जन्मदिवस पर
गूगल ने अपने डूडल में नृत्य मुद्रा में इस महान फनकार की आकृति उकेरकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
इस डूडल में रूक्मणी देवी पारंपरिक नृत्य पोशाक में नजर आ रही हैं । बालों में गजरा सजाए रूक्मणी इस डूडल में भरतनाट्यम नृत्य शैली की एक मुद्रा में दिखाई गई हैं। इसके साथ एक गुलाबी रिबन से गूगल का नाम इस डूडल में नजर आ रहा है।
रूक्मणी देवी का देहांत 1986 में उनके जन्मदिन से महज पांच दिन पहले हुआ था। देवदासियों के समय में चलने वाली भरतनाट्यम की मूल शैली ‘साधिर’ का पुनरत्थान करने के लिए उनके योगदान की काफी सराहना की जाती है।
रूक्मणी का जन्म मदुरै में हुआ था। उन्होंने ‘मायलापुर’ गौरी अम्मा के सानिध्य में नृत्य की बारीकियां सीखी और ‘पंडनाल्लूर’ मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से प्रशिक्षण लेकर उसे उत्कृष्ट स्वरूप प्रदान किया।
वर्ष 1935 में उन्होंने अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति दी। वर्ष 1936 में उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर चेन्नई के अड्यार में नृत्य एवं कला प्रशिक्षण केंद्र कलाक्षेत्र खोला जिसे बाद में 1962 में वह तिरूवंमियूर ले गए। वर्तमान में कलाक्षेत्र फाउंडेशन के तहत यह संस्थान एक राष्ट्रीय महत्व का डीम्ड विश्वविद्यालय है।
उन्हें पद्म भूषण, संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप इत्यादि कई पुरस्कारों से नवाजा गया। वह दो बार राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत हुईं।