Google का आज का खास Doodle 'जूडो-कराटे' के जनक मानें जाने वाले Kano Jigoro को समर्पित है। कानो जिगोरो का जन्म आज के दिन 28 अक्टूबर को 1860 में हुआ था। आज उनकी 161वीं जयंती है, जिस खास मौके पर गूगल ने उनके जीवन की कहानी बयां करते हुए एक खास डूडल पेश किया है। डूडल पर जैसे ही आप क्लिक करेंगे, तो आपको एक इलस्ट्रेशन गैलेरी दिखाई देगी जिसमें आपको एक-एक करके कानो जिगोरो की जिंदगी के पहलुओं को दिखाया गया है। जूडो पहला जापानी मार्शल आर्ट था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और यह गेम ओलंपिक का भी हिस्सा बना।
आज सुबह जैसे ही आप कुछ सर्च करने के लिए
Google पेज खोलेंगे, तो आपको Google Doodle दिखेगा जो कि 'जूडो' के जनक Kano Jigoro को समर्पित है। इस खास डूडल में कानो जिगोरो की तस्वीर दिखाई गई है, इसके साथ मैदान में कानो को जुडो खेलते व जुडो की शिक्षा देते हुए दिखाया गया है। हालांकि, ये डूडल के केवल इस तस्वीर तक ही सीमित नहीं है इस डूडल पर क्लिक करते ही आप एक इलस्ट्रेशन गैलेरी दिखने लगेगी, जिसमें आपको कानो जिगोरो के जीवन की कहानी बयां करते हुए दिखाया गया है।
इन तस्वीर में आप सबसे पहले दिख सकते हैं कि देखेंगे, तो कानो जुजुत्सु खेल में अपने प्रतिद्वंदी से मात खा जाते हैं। दूसरे इलस्ट्रेशन में उन्हें मार्शल आर्ट व जुजुत्सु खेल के संबंध में गहन अध्ययन करते हुए दर्शाया गया है, जिसके बाद वह उसी प्रतिद्वंदी को खेल में मात दे देते हैं। चौथे इलस्ट्रेशन में उन्हें एक स्कूल खोलते हुए दिखाया गया है, जहां वह अन्य लोगों को इस आर्ट के बारे में शिक्षा देते हैं। धीरे-धीरे उनके महिलाएं भी उनकी कक्षा का हिस्सा बनती हैं।
कहा जाता है कि कानो जिगोरो अपनी किशोरावस्था में काफी कमज़ोर व कम कद के हुआ करते थे, जिसकी वजह से स्कूल के बड़े बच्चे उन्हें बुली किया करते थे। एक दिन उनके एक फैमली फ्रेंड ने जुजुत्सु खेल की जानकारी देते हुए बताया कि यह छोटे कद वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन फिजिकल ट्रेनिंग है, जिसकी मदद से पहले अपने से ताकतवर लोगों को आसानी से सामना कर सकते हैं। इस सलाह को कानो ने काफी गंभीरता से लिया और इसकी शिक्षा लेना शुरू कर दिया। ट्रेनिंग व प्रतिस्पर्धा के दौरान ही कानो ने जुजुत्सु में से 'जुडो' तकनीक का अविष्कार किया। इसके बाद उन्होंने दूसरों को जुडो सिखाया शुरू कर दिया।