Facebook से बाहर होगा 11,000 से ज्यादा स्टाफ, कंपनी के बिजनेस में कमी का असर

मेटा ने कई वर्षों से लगातार ग्रोथ की थी लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 9 नवंबर 2022 18:38 IST
ख़ास बातें
  • इस वर्ष टेक कंपनियों में बड़ी छंटनियों में से यह एक है
  • इस वर्ष पहली बार मेटा के प्रति दिन के यूजर्स में कमी हुई थी
  • जकरबर्ग को कंपनी की रीब्रांडिंग और मेटावर्स पर फोकस से नुकसान हुआ है

Meta को कॉस्ट बढ़ने और विज्ञापनों में कमजोरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है

सोशल मीडिया साइट Facebook को चलाने वाली कंपनी Meta से 11,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी की जाएगी। यह कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 13 प्रतिशत है। इस वर्ष टेक कंपनियों में बड़ी छंटनियों में से यह एक है। Meta को कॉस्ट बढ़ने और विज्ञापनों में कमजोरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 

महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इस वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है। मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया, "मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।" उन्होंने कहा कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है। 

कंपनी से हटाए जाने वाले स्टाफ को 16 सप्ताह की बेस पे के साथ ही प्रत्येक वर्ष की सर्विस के लिए दो अतिरिक्त सप्ताह की बेस पे दी जाएगी। इसके अलावा छह महीने की हेल्थकेयर कॉस्ट का भी कंपनी भुगतान करेगी। मेटा ने बताया कि वह गैर जरूरी खर्च को घटाने के साथ ही अगले वर्ष की पहली तिमाही तक हायरिंग को रोकने की भी योजना बना रही है। 

मेटा ने कई वर्षों से लगातार ग्रोथ की थी लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी। कंपनी की शुरुआत से यह पहली बार है कि जब इतनी बड़ी संख्या में स्टाफ को बाहर किया जा रहा है। Zuckerberg ने एनालिस्ट्स को बताया था, "यह मुश्किल दौर है और मुझे कम रिसोर्सेज के साथ अधिक काम करने की उम्मीद है।" इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण बड़ी टेक कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ा है। इस वजह से मार्केटिंग के बजट में भी कमी की जा रही है। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon ने भी इस वर्ष वर्कफोर्स घटाने की घोषणा की थी। जकरबर्ग को कंपनी की रीब्रांडिंग और मेटावर्स पर फोकस बढ़ाने से भारी नुकसान हुआ है। इस वर्ष उनकी वेल्थ लगभग आधी कम हो गई है। 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  2. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  2. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  3. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  4. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  5. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  6. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  7. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  8. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  9. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  10. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.