कुछ महीनों पहले देश के कई शहरों में बिजली से जुड़ा एक स्कैम सामने आया था, जहां लोगों को SMS या WhatsApp के जरिए उनकी बिजली काटे जाने की चेतावनी और एक फेक नंबर पर बिल का भुगतान करने के बारे में कहा जा रहा था। इसकी शिकायत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर की थी, जिसके बाद साइबर पुलिस और बैंकों ने ग्राहकों को इस फ्रॉड से बचने के लिए कहा था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह स्कैम अभी भी बंद नहीं हुआ है, क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की शिकायतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सोशल मीडिया पर कई लोग बिजली से जुड़े एक स्कैम का शिकार हो रहे हैं। इसमें यूजर्स को SMS या WhatsApp के जरिए मैसेज भेजा जा रहा है कि उनका बिल बकाया है और अगर वे इसका भुगतान नहीं करते हैं, तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा। इसमें एक फोन नंबर होता है, जिसमें यूजर को संपर्क करने के लिए कहा जाता है। पिछले कुछ दिनों में इन घोटालों से कई यूजर्स को लाखों रुपये का नुकसान होने की खबर है।
ट्विटर पर ऐसी कई शिकायते हैं, जिनमें से एक यूजर (@WithOnfire) ने लिखा है कि (अनुवादित) "वे तुरंत बिजली बिल का भुगतान करने के लिए कहेंगे और वे आपको एक कॉन्टेक्ट नंबर भी देंगे। जब आप नंबर पर कॉल करेंगे तो वे आपको ऐप डाउनलोड करने के लिए कहेंगे ताकि वे आपकी स्क्रीन को कॉपी कर सकें .... "
इस
फ्रॉड में मिलने वाले मैसेज एक समान हैं, लेकिन इनमें कॉन्टेक्ट नंबर और बिजली कटने का समय अलग-अलग दिया होता है। मैसेज में लिखा होता है, "प्रिय ग्राहक आपका बिजली कनेक्शन [दिन और समय] काट दिया जाएगा, क्योंकि आपका पिछले महीने का बिल बकाया है। कृपया हमारे बिजली अधिकारी से [मोबाइल नंबर] पर तुरंत संपर्क करें।"
एक ट्विटर यूजर @Vivek Tanwar ने शेयर किया कि उसे इसी तरह के दो मैसेज अलग-अलग दिन आए और दोनों में बिजली कनेक्शन अगले दिन काटे जाने की बात लिखी हुई थी।
Gadgets 360 ने पिछले कुछ दिनों में
स्कैमर द्वारा भेजे जा रहे इन SMS को जांचा और पाया कि सभी मामलों में, मैसेज भेजे जाने के तुरंत बाद दिए गए फोन नंबर अनुपलब्ध हो गए। हमने पाया कि हेडर आधिकारिक बिजली वितरकों से जुड़े नहीं थे। इसके बजाय यह आम मोबाइल नंबर थे।
कुछ महीनों पहले महाराष्ट्र साइबर सहित एजेंसियों ने यूजर्स को ऐसे किसी भी मैसेज पर ध्यान न देने की जानकारी दी थी। टीपी सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPCODL) सहित बिजली विभागों ने भी बताया था कि वास्तविक डिस्कनेक्शन मैसेज में यूजर्स का कॉन्ट्रैक्ट नंबर (CA) नंबर होता है और इसमें आधिकारिक हेल्पलाइन नंबर शामिल होना चाहिए। यह भी बताया गया था कि यूजर्स को सबसे पहले SMS आधिकारिक सोर्स से आया है या नहीं, यह जांचना होगा। इसके साथ ही कभी भी अज्ञात QR कोड को स्कैन कर पेमेंट करने से भी बचने के लिए कहा गया है। साइबर पुलिस ने लोगों को किसी भी तरह के ऐप्स को इंस्टॉल करने के लिए माना किया है, जो आपकी स्क्रीन को शेयर करता हो।