देश का ई-वाणिज्य बाजार 2016 में 38 अरब डॉलर (करीब 2,51,720 करोड़ रुपये) का हो सकता है। उद्योग को 2015 में 23 अरब डॉलर (करीब 1,52,357 करोड़ रुपये) की आय हुई थी। उद्योग मंडल एसोचैम ने एक अध्ययन में यह कहा है।
अध्ययन के अनुसार, ‘‘इंटरनेट और मोबाइल की बढ़ती पहुंच, ऑनलाइन भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता तथा अनुकूल डेमोग्राफी स्थिति से कंपनियों को अपने ग्राहकों से जुड़ने का अनूठा अवसर मिला है।’’ एसोचैम ने कहा कि ऑनलाइन खरीद पर आक्रामक तरीके से मिली छूट के साथ खरीद प्रवृत्ति में उल्लेखनीय तेजी देखी गयी, ईंधन की कीमत में वृद्धि तथा व्यापक एवं पर्याप्त विकल्प से 2016 में ई-कॉमर्स उद्योग पर असर पड़ेगा।
दूसरी ओर ई-कॉमर्स के स्थिर और सुरक्षित पूरक के रूप में मोबाइल कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है।
उद्योग मंडल के अनुसार स्मार्टफोन के जरिए ऑनलाइन खरीदारी पासा पलटने वाला साबित हो रहा है। उद्योग का मानना है कि एम-कॉमर्स का उनकी कुल आय में 70 प्रतिशत तक योगदान होगा।
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन खरीदारी के मामले में मुंबई पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरू और कोलकाता का स्थान है।
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