CP Plus और Qualcomm Technologies ने भारत में अगली पीढ़ी का AI-इनेबल्ड वीडियो सिक्योरिटी सिस्टम पेश किया है, जो पूरी तरह ऑन-डिवाइस प्रोसेसिंग और रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रदान करेगा।
Photo Credit: CP Plus
भारत में वीडियो सिक्योरिटी सिस्टम अब सिर्फ रिकॉर्डिंग तक सीमित नहीं रहे, बल्कि AI-बेस्ड एनालिटिक्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग इस इंडस्ट्री का नया फोकस बन चुका है। इसी दिशा में CP Plus और Qualcomm Technologies ने एक बड़ी साझेदारी का ऐलान किया है। दोनों कंपनियां मिलकर ऐसी नई AI-इनेबल्ड वीडियो सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स तैयार करेंगी, जिन्हें इंडस्ट्रियल यूनिट्स, पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, एंटरप्राइजेज, इंस्टिट्यूशन्स और होम सेगमेंट तक में लगाया जा सकेगा। इस पार्टनरशिप का प्रमुख लक्ष्य वीडियो फीड को सिर्फ देखने भर का टूल नहीं, बल्कि “इनसाइट-ड्रिवन इंटेलिजेंस सिस्टम” में बदलना है।
दोनों कंपनियों के मुताबिक, CP Plus के कैमरों और Qualcomm के Dragonwing प्रोसेसर्स का कॉम्बिनेशन, साथ ही Qualcomm Insight Platform का सपोर्ट, पूरे सेटअप को रियल-टाइम, ऑन-डिवाइस AI एनालिटिक्स करने में सक्षम बनाएगा। CP Plus के Video Management System (VMS) के भीतर लगाए गए Edge Boxes सीधे वहीं पर प्रोसेसिंग करेंगे, यानी डेटा को बाहर भेजे बिना ऑन-प्रेमिस ही एनालाइज किया जा सकेगा। यह मॉडल खासतौर पर इंडस्ट्रियल, एंटरप्राइज और पब्लिक सेफ्टी एरिया में सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगा।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य खेमका ने साझेदारी पर कहा, “भारत का सबसे बड़ा वीडियो सिक्योरिटी ब्रांड होने के नाते, इस बदलाव को सुरक्षित, स्केलेबल और विश्वसनीय समाधान के साथ आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। Qualcomm Technologies के साथ यह सहयोग इस मिशन को और मजबूत बनाएगा। CP Plus की इंडस्ट्री लीडरशिप और ऑन-डिवाइस AI टेक्नोलॉजी दोनों को मिलाकर हम अगली पीढ़ी का वीडियो इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार कर रहे हैं, जो भारत में डिजाइन हुआ है और दुनिया के लिए तैयार है।”
नए सिस्टम का सबसे बड़ा बेनिफिट डेटा सिक्योरिटी है, क्योंकि प्रोसेसिंग पूरी तरह लोकल लेवल पर होती है, इसलिए बाहरी नेटवर्क के लिए डेटा एक्सपोजर मिनिमाइज रहता है। यह एयर-गैप्ड सेटअप इंडस्ट्रियल ऑपरेशंस और पब्लिक सेफ्टी एनवायरनमेंट्स के लिए अधिक भरोसेमंद बनता है।
Qualcomm Insight Platform की AI कैपेबिलिटीज के कारण कैमरों से मिलने वाला डेटा क्लाउड के जरिये या पूरी तरह लोकल सेटअप में प्रोसेस किया जा सकता है। इससे लेटेंसी कम होती है, सर्वर डिपेंडेंसी घटती है और रियल-टाइम अलर्ट प्राप्त किए जा सकते हैं। सिस्टम में एक जेनरेटिव AI असिस्टेंट भी शामिल है, जो LLM टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह नैचुरल लैंग्वेज में सवाल पूछकर जटिल घटनाओं को समझने में मदद करेगा - जैसे “कब किसी ने नो-एंट्री जोन क्रॉस किया?”, “फेस रिकग्निशन ने किसे डिटेक्ट किया?” आदि।
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