भारत के ऑडियो ब्रांड boAt का कस्टमर डाटा लीक हो गया है। कंपनी के 7.5 करोड़ यूजर्स का निजी डाटा डार्क वेब पर आ गया है। Forbes इंडिया की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। डाटा लीक में यूजर्स की निजी जानकारी जैसे नाम, एड्रेस, फोन नंबर, ईमेल एड्रेस, कस्टमर आईडी और काफी कुछ शामिल है।
आपको बता दें कि ऐसा कहा जा रहा है कि डाटा लीक 5 अप्रैल, 2024 को हुआ था। "ShopifyGUY" नाम के एक हैकर ने जिम्मेदारी का दावा किया है, जिसने लगभग 2GB चुराए गए कस्टमर डाटा को एक डार्क वेब फोरम पर डाल दिया है। सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि डाटा लीक से प्रभावित यूजर्स की आइडेंटिटी की चोरी, फाइनेंशियल फ्रॉड और फिशिंग अटैक का खतरा बढ़ जाता है। चोरी हुई जानकारी से स्कैमर्स बैंक अकाउंट का एक्सेस, फ्रॉड खरीदारी या स्कैम कर सकते हैं।
साइबर सिक्योरिटी थ्रेट स्कैम के रिसर्चर सौम्य श्रीवास्तव के अनुसार, बोट के ग्राहकों में इससे भरोसे में कमी आ सकती है और ब्रांड कानूनी मामले में मुश्किल का सामना कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सिक्योरिटी संबंधित नियमों को लागू करने की जरूरत बढ़ती है।" नेटएनरिच के सीनियर थ्रेट विश्लेषक राकेश कृष्णन का मानना है कि हैकर ने डार्क वेब फोरम पर रिलीज होने से पहले ही डाटा का एक्सेस पा लिया था। उनका मानना है कि लीक का उद्देश्य साइबर क्राइम कम्युनिटी के अंदर हैकर के तौर पर स्थापित करना है, क्योंकि लीक करने वाले की प्रोफाइल नई है और सिर्फ यही लीक उसके नाम पर है।
सिक्योरिटी ब्रिगेड के फाउंडर यश कदाकी ने कहा कि “डाटा कुछ फोरम पर 8 क्रेडिट के लिए उपलब्ध है, इसलिए सचमुच डाटा खरीदने के लिए दो यूरो (लगभग 180 रुपये) का खर्च आता है। यह टेलीग्राम पर कुछ दिनों में फ्री में उपलब्ध होगा। इस डाटा का इस्तेमाल बहुत सारे स्कैमर्स कई फोन और ईमेल स्कैम के लिए करेंगे।” स्कैमर्स अक्सर फ्रॉड ईमेल और फोन कॉल के लिए ऐसे डाटा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए boAt को डाटा चोरी के जवाब में उचित कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, कंपनी ने अभी तक सार्वजनिक तौर पर डाटा चोरी को माना नहीं है।
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