क्रिप्टोकरेंसी बाजार में गिरती हुई कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अप्रैल के बाद से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में लगातार गिरावट जारी है। इसमें सबसे अधिक चौंकाने वाले आंकड़े बिटकॉइन के हैं जो अपनी इस साल की शीर्ष कीमत से लगभग 50 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है। गिरावट का ये सिलसिला अभी भी लगातार जारी है और इसका असर प्रत्येक प्रमुक क्रिप्टोकरेंसी पर देखने को मिल रहा है। बुधवार को अधिकांश प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी गिर गईं। अमेरिकी डॉलर से जुड़े सिक्कों को छोड़कर पिछले 24 घंटों में शीर्ष 10 कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
बुधवार को Bitcoin 8 फीसदी नीचे था जबकि Ethereum 21 फीसदी नीचे था। Binance Coin, XRP और Cardano भी दोहरे अंकों में गिरे। दिलचस्प बात यह है कि बिकवाली अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में हुई। इस ट्रेंड को देखते हुए विश्लेषकों का कहना है कि इसका अर्थ है कि यह प्रवृत्ति कुछ समय तक जारी रह सकती है। यानि कि आने वाले कुछ समय तक अभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में अपेक्षित सुधार की उम्मीद लगाना सार्थक नहीं लग रहा है। 14 जुलाई को शाम 6 बजे IST पर
भारत में बिटकॉइन की कीमत 24.2 लाख रुपये थी।
Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक Edul Patel ने कहा, “बाजार वर्तमान में बीयर्स द्वारा नीचे खींचे जा रहे हैं। हालांकि यह एक चिंताजनक बिक्री सत्र नहीं था, लेकिन बाजारों में चल रही गति काफी मंदी है। Bitcoin 33,000 डॉलर के स्तर पर है। Ethereum 2,000 डॉलर के निशान से नीचे गिर गया, जिससे altcoins में डर पैदा हो गया। इस तरह की अस्थिरता पूरे सप्ताह जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है।” 14 जुलाई को शाम 6 बजे IST पर
भारत में ईथेरियम की कीमत 1.45 लाख रुपये थी।
हालाँकि बिक्री न केवल क्रिप्टो बाजार में निहित थी, बल्कि दुनिया भर के शेयर भी दबाव में थे। इसके पीछे प्रमुख कारण अमेरिका में मुद्रास्फीति में अपेक्षा से अधिक वृद्धि है, जिससे प्रतिफल और अमेरिकी डॉलर में तेजी आई है। श्रम विभाग ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index) जून में 0.9% उछल गया। यह बाजार की उम्मीदों से ऊपर था और जून 2008 के बाद सबसे बड़ा लाभ था।