प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी द्वारा तैयार ‘रामचरितमानस’ के विशेष डिजिटल संस्करण को जारी किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हमारी पारिवारिक मूल्यों की पूरी दुनिया कायल है। रामचरितमानस हमें पारिवारिक मूल्यों के बारे में ही सिखाता है। आज की तारीख में अगर कोई 'ऊं' का उच्चारण करता है तो उसके तरीके पर भी सवाल उठते हैं। पर रामचरितमानस पर आज तक कभी कोई सवाल नहीं उठा।"
उन्होंने कहा कि उन्हें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि रामचरितमानस के डिजिटल वर्ज़न को तैयार करने के लिए 14 लोगों ने काम किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास की कृति की रिकॉर्डिंग आकाशवाणी द्वारा कई सालों में की गई है और उसका नियमित रूप से विशेषकर हिंदी अंचल में प्रसारण किया जाता रहा है। भोपाल घराने के जाने माने गायकों ने रामचरित मानस की चौपाइयों एवं दोहे को आवाज दी है।
आकाशवाणी भोपाल ने 1980 में तत्कालीन केंद्र निदेशक समर बहादुर सिंह के मार्गदर्शन में पहली बार ‘रामचरितमानस’ को स्वरबद्ध किया था और रिकॉर्ड किया था।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कुछ मशहूर कलाकारों का अभिनंदन भी किया।
‘रामचरितमानस’ के डिजिटल संस्करण के शुरू होने के साथ ही प्रसारक महसूस करता है कि वह न केवल घरेलू श्रोता बल्कि विदेशों में अपने श्रोताओं तक पहुंचेगा। अधिकारियों ने बताया कि यह बड़े पैमाने पर डिजटलीकरण की आकाशवाणी की कोशिश का हिस्सा है ताकि जनप्रसारक वैश्विक रूप से अपने श्रोताओं तक पहुंच सके
आकाशवाणी के कई चैनल मोबाइल ऐप पर उपलब्ध हैं और प्रसारक इंटरनेट पर भी अपनी अधिक उपस्थिति बना रहा है।
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