The Kashmir Files: भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (IFFI) में भारत की पॉप्युलर फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स' साल की हिट फिल्मों में से एक है। फिल्म अपने रिलीज से ही विवादों में घिरी रही। जिसके बाद भी बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने जबरदस्त कमाई की। अब इजरायल फिल्म मेकर और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2022 (IIFI) के जूरी हेड नदव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स' को वल्गर प्रोपोगेंड़ा बताया था। जिसके बाद से ही इस फिल्म को लेकर हर तरफ बवाल मच गया था। इसी दौरान खबर आई है कि नदव लैपिड ने अपने दिए गए बायन को लेकर माफी मांग ली है।
सभी ने की थी नदव लैपिड की निंदा
नदव लैपिड के 22 नवंबर को दिए गए बयान पर सभी ने कड़ी निंदा की थी। अनुपम खेर ने एक ट्विट कर लिखा की, ‘झूठ का कद कितना ही ऊंचा हो, वो सत्य के मुकाबले छोटा ही होता है।‘
अनुपम खेर के बाद फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी रिएक्ट करते हुए कहा, ‘ सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नदव लैपिड को IIFI का जूरी बनाना ही सबसे बड़ी चूक है।‘ मिनिस्ट्री में जो इस गुनहगार के लिए जिम्मेदार है। उनपर एक्शन लिया जाना चाहिए।
नदव लैपिड ने मांगी माफी
अपने दिए गए बयान को लेकर नदव लैपिड ने सीएनएन न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा- मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता था। और मेरा मकसद कभी भी किसी पीड़ित लोगों या उनके अपनो को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैं इसके लिए पूरी तरह से माफी मांगता हूं। लेकिन, मैंने जो भी कहा था वो पूरी जूरी की तरह से कहा था।‘ आगे नदव लैपिड ने ये भी कहा कि उनके द्वारा दिया गया बयान केवल उनका नहीं बल्कि उनके साथी ज्यूरिस्ट का डिसीजन को भी प्रजेंट करता है।
सुदीप्तो ने नदव लैपिड के बयान को बताया पर्सनल ओपिनियन
वहीं IFFI जूरी में से एक सुदीप्तो सेन ने लैपिड के इस बयान को पूरी तरह से उनका फैसला बताया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर ट्विट करते हुए लिखा था कि' 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2022 (IIFI) के जूरी हेड नदव लैपिड ने
‘द कश्मीर फाइल्स' को लेकर जो भी कहा वो पर्सनल उनका ओपिनियन था।'
क्यों भड़क उठे भारत के लोग ?
नवद लैपिड के फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स' को लेकर दिए गए बयान के कारण उन्हें कई, फिल्म स्टार, नेताओं, और सोशल मीडिया के यूजर्स ने खूब खरी-खोटी सुनाई। यहां तक की भारत से उन्हें बायकॉट करने का अभियान भी शुरू कर दिया गया। 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (IFFI) में उनके जूरी हेड होने के कारण मंत्रालय पर भी तंज कसे गए।