दक्षिण भारत में प्रशंसक अपने पसंदीदा अभिनेता को भगवान की तरह पूजते हैं। उनके जन्मदिन आदि को उत्सव की तरह मनाते हैं। इसी उत्साह में रविवार को एक हादसा हो गया। आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी के ताडेपलीगुडेम (Tadepaligudem) में एक मूवी थिएटर में अभिनेता प्रभास (Prabhas) की फिल्म बिल्ला (Billa) की स्क्रीनिंग के दौरान आग लग गई। हादसा प्रभास के फैंस की घोर लापरवाही के कारण हुआ। सिनेमा हॉल के अंदर फैंस ने आतिशबाजी की, जिसकी वजह से वहां आग लग गई। ये फैंस अपने स्टार के जन्मदिन के अवसर पर वहां पहुंचे थे और प्रभास की साल 2009 में आई फिल्म की स्क्रीनिंग में पहुंचे थे। बताया जाता है कि केक काटने के बाद फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान फैंस ने वेंकटराम थिएटर (Venkatarama theatre) के अंदर आतिशबाजी की। इससे वहां अचानक आग लग गई और कई सीटें जल गईं। थिएटर में धुआं भरते ही दर्शक वहां से भाग गए। थिएटर कर्मचारियों ने दमकल सर्विसेज को सूचना दी और आग बुझाने का काम शुरू किया।
मीडिया रिपोर्टों के
अनुसार, वेंकटराम थिएटर को कुछ समय पहले ही बंद कर दिया गया था। प्रभास के फैंस ने इस थिएटर को फिल्म ‘बिल्ला' की विशेष स्क्रीनिंग के लिए बुक किया था। सभी वहां प्रभास का 43वां जन्मदिन सेलिब्रेट करने पहुंचे थे। बताया जाता है कि पटाखों की एक लड़ी जलाने से थिएटर में आग लग गई। इससे वहां कई सीटें जल गईं और हर तरफ धुआं भर गया। लोग जान बचाते हुए थिएटर से बाहर आ गए, हालांकि किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं है।
दक्षिण भारत के थिएटरों में ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, जिनमें जान-माल के नुकसान का डर बना रहता है। पिछले साल मार्च में विशाखापत्तनम के एक थिएटर में भगदड़ जैसी स्थिति हो गई थी। अभिनेता पवन कल्याण (Pawan Kalyan) की वकील साब (Vakeel Saab) के ट्रेलर रिलीज के दौरान थिएटर में भगदड़ के हालात बन गए थे। संगम सरत डुअल-स्क्रीन थिएटर में लोगों की इतनी भीड़ उमड़ आई थी कि हालात बेकाबू हो गए। भगदड़ जैसे हालात में कई शीशे भी टूट गए थे।
दक्षिण भारत में फैंस के बीच अपने लोकप्रिय अभिनेता की
फिल्मों की स्क्रीनिंग का चलन बढ़ रहा है। स्टार्स के जन्मदिन के मौकों पर थिएटर्स में उनकी पुरानों फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है। इस साल की शुरुआत में अभिनेता पवन कल्याण की जलसा (2008) फिर से रिलीज हुई थी। महेश बाबू की पोकिरी और बालकृष्ण की चेन्नाकेशव रेड्डी को भी फैंस के लिए रिलीज किया गया था। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ने से कई दफा हालात बेकाबू हो जाते हैं।