Tesla की राइवल VinFast के EV प्लांट का तमिलनाडु में शुरू हुआ कंस्ट्रक्शन

वियतनाम की VinFast की इस फैक्टरी में बनने वाले EV की देश में बिक्री के साथ एक्सपोर्ट भी किया जाएगा

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 25 फरवरी 2024 15:54 IST
ख़ास बातें
  • इस प्लांट में बनने वाले EV की देश में बिक्री के साथ एक्सपोर्ट भी होगा
  • देश में कारों की कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत की है
  • केंद्र सरकार ने इसे 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है

Photo Credit: कंपनी ने EV पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाने की मांग की है

देश में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। इस वजह से कुछ विदेशी EV मेकर्स देश में बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इनमें वियतनाम की VinFast भी शामिल है। इसे इंटरनेशनल EV मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली Tesla का राइवल माना जाता है। VinFast ने रविवार को तमिलनाडु में अपने प्लांट का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया। इस फैक्टरी में बनने वाले EV की देश में बिक्री के साथ एक्सपोर्ट भी किया जाएगा। 

हालांकि, टेस्ला की तरह VinFast ने भी EV पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाने की मांग की है। इम्पोर्ट किए जाने वाले EV पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने का Tata Motors जैसी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां विरोध कर रही हैं। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े व्हीकल मार्केट भारत में केंद्र सरकार की ओर से EV पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने पर विचार किया जा रहा है लेकिन इस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है। 

Reuters की रिपोर्ट में VinFast के CEO, Pham Sanh Chau के हवाले से कहा गया है, "हम केवल दो वर्ष और सीमित संख्या में व्हीकल्स के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाकर 70 से 80 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। इस बारे में फैसले का इंतजार करने के साथ हमने अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया है।" देश में कारों की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत की है। सरकार ने इसे 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। VinFast के इस प्लांट की वार्षिक कैपेसिटी लगभग 1.5 लाख यूनिट्स की होगी। 

हाल ही में टेस्ला के CEO, Elon Musk ने कहा था कि अगर चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों पर ट्रेड से जुड़ी बंदिशें नहीं लगाई गई तो वे ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए खतरा बन सकती हैं। टेस्ला को चीन की BYD जैसी EV कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। मशहूर इनवेस्टर Warren Buffett की फंडिंग वाली BYD अपनी कम प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों के दम पर पिछली तिमाही में टेस्ला को पीछे छोड़कर सबसे अधिक EV बेचने वाली कंपनी बन गई थी। टेस्ला ने पिछले वर्ष अपनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज में कटौती की थी लेकिन इसके बावजूद वह बिक्री में BYD से पीछे रह गई। इसके अलावा टेस्ला के मार्जिन पर भी बड़ा असर पड़ा है। 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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