ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) ने 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया है। यह छंटनी कई विभागों में की गई है, जिसमें खरीद, कस्टमर रिलेशन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और फुलफिलमेंट जैसे डिपार्टमेंट शामिल हैं। यह कदम कंपनी के बढ़ते नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर भी अपनी लिस्टिंग के बाद से 60% तक गिर चुके हैं।
ब्लूमबर्ग की
रिपोर्ट के अनुसार, यह पिछले पांच महीनों में दूसरी बार है जब कंपनी ने बड़े पैमाने पर छंटनी की है। इससे पहले नवंबर 2023 में भी 500 कर्मचारियों की नौकरियां गई थीं। हाल ही में दिसंबर तिमाही में ओला की वित्तीय स्थिति और खराब हो गई, जब कंपनी के नुकसान में 50% की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, Ola को भारतीय बाजार नियामक और उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से भी चेतावनी मिल चुकी है।
रिपोर्ट बताती है कि कंपनी के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, "हमने अपने फ्रंट-एंड ऑपरेशंस को ऑटोमेट किया है, जिससे मार्जिन बेहतर हुआ, लागत घटी और ग्राहक अनुभव में सुधार हुआ है। इस प्रक्रिया में कई भूमिकाएं अब गैर-जरूरी हो गई हैं।" हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि कुल कितने कर्मचारियों को निकाला गया है।
ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री भी उम्मीद से कम रही। फरवरी 2025 में कंपनी ने 25,000 से ज्यादा स्कूटर बेचे, लेकिन यह 50,000 यूनिट के उस लक्ष्य से काफी कम है, जिसे संस्थापक भाविश अग्रवाल ने एबिटडा ब्रेकइवन के लिए जरूरी बताया था। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सोशल मीडिया पर खराब फीडबैक की वजह से ओला अपनी मार्केट लीडरशिप भी गंवा चुकी है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओला इलेक्ट्रिक के सामने दोहरी चुनौती है, एक तरफ उसे निवेशकों का भरोसा बनाए रखना है, तो दूसरी ओर ग्राहकों के बीच अपनी ब्रांड इमेज को मजबूत करना है। कंपनी को लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।