पिछले कुछ वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की सेल्स बढ़ी है। हालांकि, EV का प्राइस अधिक होने की वजह से ये अधिकतर लोगों की पहुंच से बाहर हैं। गोवा के पावर मिनिस्टर Sudin Dhavalikar ने कहा कि देश में लिथियम बैटरीज की मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने के बाद EV के प्राइस लगभग आधे हो सकते हैं।
उन्होंने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने वालों को सब्सिडी वितरित करने के बाद कहा कि गोवा में चार्जिंग स्टेशंस लगाने के लिए अगले दो सप्ताह में टेंडर जारी किया जाएगा। उनका कहना था कि चार्जिंग स्टेशंस लगने के बाद किसी भी प्रकार के
EV की चार्जिंग आसान हो जाएगी। Dhavalikar ने कहा, "देश में लिथियम बैटरीज की मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती। बैटरीज की मैन्युफैक्चरिंग होने पर EV के प्राइस में कमी आएगी।" अन्य देशों से मोबाइल फोन का इम्पोर्ट किए जाने पर कॉस्ट अधिक थी लेकिन भारत में इनकी मैन्युफैक्चरिंग होने से प्राइसेज में कमी आई है।
देश में लिथियम बैटरीज की मैन्युफैक्चरिंग होने पर EV के
प्राइस में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी हो सकती है। दिल्ली में EV के लिए अगले दो महीनों में 100 चार्जिंग स्टेशंस शुरू किए जाएंगे। ये चार्जिंग स्टेशंस प्राइवेट फर्मों के साथ पार्टनरशिप में होंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से लैंड दिया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन में इक्विपमेंट और मैनपावर को प्राइवेट फर्म उपलब्ध कराएगी। इनमें बैटरी को बदलने की सुविधा भी होगी। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था, "पहले बैटरी को बदलने के प्वाइंट्स और चार्जिंग स्टेशंस अलग थे लेकिन इन्हें अब एक साथ लाया गया है।"
चार्जिंग स्टेशंस में से अधिकतर मेट्रो स्टेशंस खोले जा रहे हैं जिससे लोग अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्जिंग स्टेशंस पर छोड़कर मेट्रो से जा सकेंगे और वापसी में उन्हें चार्जिंग के साथ व्हीकल मिलेगा। इसमें टू-व्हीलर की चार्जिंग पर 7 पैसे प्रति किलोमीटर, थ्री-व्हीलर के लिए 8 पैसे प्रति किलोमीटर और कार के लिए 33 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च होगा। यह फ्यूल के अन्य विकल्पों की तुलना में काफी सस्ता है। दिल्ली में लगभग दो वर्ष पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को पेश किया गया था। इसका लक्ष्य राजधानी में व्हीकल्स की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी 2024 तक बढ़ाकर लगभग 25 प्रतिशत करना है।