पश्चिम एशिया का देश इस्राइल (Isreal Gaza war) बीते कई महीनों से जंग में है। गाज़ा में हमास आतंकी ग्रुप का सफाया करने के इरादे से उसने युद्ध छेड़ा हुआ है। रविवार तड़के इस्राइल पर तब मुसीबत आई, जब ईरान ने सैकड़ों मिसाइलों से उसपर हमला (Isreal Iran war) कर दिया। ईरान ने यह हमला सीरिया में उसके दूतावास पर किए गए हमले के जवाब में किया, जो काफी हद तक नाकाम रहा। कहा जा रहा है कि इस्राइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम
‘आयरन डोम' (Iron Dome) ने ज्यादातर मिसाइलों को तबाह कर दिया। आखिर क्या है आयरन डोम (
What is Iron Dome?), जो एक सुरक्षा कवच (
Iron Dome Features) की तरह इस्राइल को बचा रहा है।
What is Iron Dome?
राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम पर मिली
इन्फर्मेशन के अनुसार, आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को शॉर्ट-रेंज हथियारों से बचने के लिए डिजाइन किया गया है। यह डिफेंस सिस्टम हर मौसम में काम कर सकता है। मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए आयरन डोम सिस्टम रडार का इस्तेमाल करता है। यह उन रॉकेटों का पता लगा सकता है, जिनके आबादी वाले इलाकों में हमला करने की संभावना होती है। इंटरसेप्टर मिसाइलों को भी सिर्फ उन्हीं मिसाइलों पर दागा जाता है, जो आबादी में गिरने वाली होती हैं।
इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इस्राइल में अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया है। हर सिस्टम में तीन से चार लॉन्चर शामिल होते हैं, जो 20 इंटरसेप्टर मिसाइलों को फायर कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आयरन डोम के फिक्सड और मोबाइल वर्जन इस्राइल ने बनाए हैं।
Iron Dome कितना प्रभावी है?
रिपोर्टों के अनुसार, इस्राइल की सेना दावा करती है कि आयरन डोम का सक्सेस रेट 90 फीसदी है। गाज़ा से पिछले साल जब हमास ने इस्राइल पर हमला किया तो एकसाथ हजारों की संख्या में रॉकेट दागे। उनमें से ज्यादातर रॉकेट्स को आयरन डोम ने नाकाम किया, लेकिन कुछ आबादी वाले इलाकों में गिरे और जान-माल का नुकसान किया। आयरन डोम सिस्टम नहीं होता तो इस्राइल पर हुआ हमला बहुत ज्यादा विनाशक होता।
ऐसे डेवलप हुआ आयरन डोम
साल 2006 में इस्राइल और आतंकी समूह हिजबुल्लाह के बीच भीषण संघर्ष हुआ, जिसमें कई इस्राइली नागरिक मिसाइल हमलों में मारे गए। उसके बाद इस्राइल ने नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम के डेवलपमेंट पर काम शुरू किया। आयरन डोम को इजरायली फर्म राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने तैयार किया है। इसमें अमेरिका ने मदद की है।